घोटालेबाजों पर मेहरबान प्रशासनिक जांच समिति
छात्रवृत्ति वापस कर आरोप मुक्त हुए गड़बड़ी करने वाले कॉलेज संचालक
ग्वालियर । आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए निजी कॉलेजों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला करने वाले फर्जी छात्रों एवं कॉलेज संचालकों को स्थानीय प्रशासन द्वारा गठित की गई समिति द्वारा स्वयं ही अभयदान दिया जा रहा है। जांच शुरू होते ही फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेज संचालकों द्वारा घोटाले की राशि शासन के खाते में जमा कराई जा रही है। इसके बाद उन्हें गड़बड़ी के आरोपों से मुक्त किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी ताराचंद त्यागी ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि ग्वालियर के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से निजी महाविद्यालयों में ऐसे विद्यार्थियों का फर्जी प्रवेश दिखाया जा रहा है, जो अन्य जिलों एवं राज्यों के अन्य महाविद्यालयों में भी प्रवेश ले चुके हैं। शिकायत की जांच के लिए कलेक्टर ने करीब दो माह पूर्व एसडीएम अखिलेश जैन की अध्यक्षता में आदिम जाति कल्याण विभाग के क्षेत्र संयोजक श्री हिन्डोलिया, निरीक्षक पिछड़ा वर्ग ओपीएस यादव एवं मण्डल संयोजक राजेन्द्र बघेल को शािमल कर एक जांच समिति गठित की थी। इस जांच समिति ने ग्वालियर के महाविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अजा व अजजा छात्रों के हुए प्रवेश की सूची में शामिल कुल 2130 छात्रों में से अब तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों की जांच पूरी कर ली है, जबकि अनुसूचित जाति के छात्रों की जांच जारी है। सूत्र बताते हैं कि अनुसूचित जनजाति वर्ग में सिर्फ एक छात्र द्वारा दो स्थानों पर फर्जी प्रवेश लिए जाने की गड़बड़ी को उजागर किया गया है, जबकि कई ऐसे महाविद्यालयों को अभयदान दिया गया है, जिन्होंने इस तरह के फर्जी प्रवेश तो दिए, लेकिन इन फर्जी प्रवेशों की जांच शुरू होते ही खातों में आ चुकी राशि को चालान के माध्यम से शासन के खातों में जमा करा दिए जाने के बाद उन्हें माफी दे दी गई।
संभाग में जिला स्तर पर चल रही है जांच
सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर के दो या अधिक महाविद्यालयों में फर्जी प्रवेश लेने वाले अधिकांश छात्र ग्वालियर चम्बल संभाग के ही हैं। इस कारण ग्वालियर जिले में जांच कलेक्टर द्वारा गठित स्थानीय समिति कर रही है, जबकि अन्य जिलों में वहां के प्रशासन द्वारा गठित समितियों द्वारा जांच की जा रही है।
एक छात्र ने कॉलेज संचालक पर लगाया आरोप
सूत्र बताते हैं कि फर्जीवाड़े में फंसे एक छात्र ने एक निजी महाविद्यालय संचालक पर आरोप लगाया है कि धोखे से कॉलेज संचालक ने उसके दस्तावेज हड़प लिए और उसका अपने महाविद्यालय में फर्जी प्रवेश दिखाकर सरकार से छात्रवृत्ति हड़प ली, जबकि उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
टीसी की फोटोकॉपी पर हो गए प्रवेश
अजा व अजजा छात्रों को विभिन्न कोर्सों के लिए छात्रवृत्ति देने के लिए छात्र की मूल टीसी, जाति प्रमाण पत्र, मार्कशीट एवं आय प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की फोटो प्रति विभाग में संलग्न की जाती है। महाविद्यालय संचालकों ने इन छात्रों को टीसी की फोटो कॉपी पर ही प्रवेश दे दिया। इन महाविद्यालय संचालकों का कहना था कि छात्रों ने बाद में मूल टीसी देने की बात कहकर प्रवेश ले लिया। इस बीच शासन ने उनके खातें में छात्रवृत्ति राशि जमा करा दी।
अब दतिया के कॉलेजों की बारी
पैरामेडीकल कोर्स में अजा व अजजा छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के नाम पर लोकायुक्त द्वारा उजागर किए जा रहे घोटालों के क्रम में अगली बारी दतिया व श्योपुर सहित अन्य जिलों के महाविद्यालयों की है। सूत्र बताते हैं कि अगला घोटाला दतिया के एक निजी महाविद्यालय का एक-दो दिन में उजागर किए जाएगा। लोकायुक्त टीम के एक-एक निरीक्षक को एक या दो जिलों में घोटालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें ग्वालियर के गुड़ागुड़ी का नाका पर स्थित के.एस. पैरामेडीकल कॉलेज एवं मुरैना जिले के जे.पी. पाठक पैरामेडीकल कॉलेज में हुए घोटाले को उजागर किया गया है। इस दोनों प्रकरणों में ग्वालियर में 12 लोगों के विरुद्ध, जबकि मुरैना जिले के 23 लोगों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।
मुरैना में इन पर दर्ज हुए प्रकरण
मुरैना जिले के जे.पी. पाठक पैरामेडीकल इन्सटीट्यूट में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में जिन लोगों के विरुद्ध लोकायुक्त टीम ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है, उनमें आदिम जाति कल्याण विभाग मुरैना के जिला संयोजक एस.एस. राठौर, तत्कालीन प्राचार्य शा. कन्या महाविद्यालय मुरैना डॉ. व्ही.एस. परिहार, प्राध्यापक शा. कन्या महाविद्यालय मुरैना श्रीमती कमलेश श्रीवास्तव, डॉ. सरोज अग्रवाल, श्रीमती सुनीता सिंह, बृजराज सिंह, रामलखन शंखवार के अलावा जे.के. पाठक पैरामेडीकल कॉलेज संचालन समिति के अध्यक्ष चन्द्रशेखर उपमन्यु, उपाध्यक्ष रवि शर्मा, प्राचार्य डॉ. दीपक शर्मा, स्टाफ क्लर्क पंकज शर्मा एवं 11 छात्रों मातादीन, नीरज सिंह, नवल सिंह, सतीष सिंह, कमलेश सिंह, इन्द्रजीत सिंह, जगन, रवि, श्रीमती स्वर्णलता कुंडोलकर, मिथलेश करोरिया, श्रीमती सुनील पचौरी, कुमारी नीलम आदि के विरुद्ध प्रकरण पंजीवद्ध किया गया है।