दिल्ली में पार्टी को हराने में लगे थे यादव, प्रशांत और शांति:आप

दिल्ली में पार्टी को हराने में लगे थे यादव, प्रशांत और शांति:आप
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं में आंतरिक कलह की खबरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व संस्थापक सदस्यों में से एक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निष्कासित किए जाने के बाद आप के कुछ नेताओं ने योगेंद्र और भूषण पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को हराने की साजिश करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ( पीएसी) से बाहर करने पर पहली बार आधिकारिक बयान दिया है। पार्टी की ओर से मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, पंकज गुप्ता और संजय सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, आप कार्यकर्ता पार्टी को जिताने के लिए पसीना बहा रहे थे, तो दूसरी ओर प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और शांति भूषण हराने की कोशिश में लगे थे ।
इस बयान के मुताबिक, '4 मार्च को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पार्टी में आए गतिरोध को दूर करने के लिए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से मुक्त करके नई जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया।' हालांकि, इन दोनों की नई जिम्मेदारी क्या होगी, बयान में इसका जिक्र नहीं है। बयान में कहा गया है कि बैठक के बाद मीडिया में बयान दे कर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जैसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अलोकतांत्रिक और गैरजिम्मेदार तरीके से यह फैसला लिया। इससे कार्यकर्ताओं के मन में भी कई सवाल उठे हैं। इससे मजबूर हो कर पार्टी इन दोनों को पीएसी से हटाए जाने के कारणों को सार्वजनिक करने के लिए मजबूर हुई है ।
इसके अलावा प्रशांत भूषण पर दिल्ली चुनाव से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी की तैयारियों को बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद पार्टी के 10 बड़े नेताओं को प्रचार छोड़कर 3 दिन तक प्रशांत भूषण और शांति भूषण को समझाना पड़ा था। उधर, योगेंद्र यादव पर अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने के लिए अखबारों में नेगेटिव खबरें छपवाने का आरोप लगाया गया है। पार्टी के मुताबिक, प्राइवेट बातचीत में कई बड़े संपादकों ने बताया कि योगेंद्र, अरविंद की छवि खराब करने के लिए ऑफ द रेकॉर्ड बातें कहते थे।



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