उदारता बरती तो समाज का पतन निश्चित: न्यायालय

ग्वालियर। पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कृत्य करने वाले रामरतन गोस्वामी को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश रेणुका कंचन ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामलों में उदार दृष्टिकोण अपनाना समाज को रसातल में ले जाने के समान होगा जिससे समाज का पतन निश्चित हो जाएगा। ऐसी सजा मिलने से आरोपियों को यह संदेश मिलेगा कि मासूम बालिकाओं के प्रति अच्छी भावनाएं न रखने वालो को क्या परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए स्पष्ट किया कि उक्त सजा आरोपी के संपूर्ण शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक के लिए होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने आरोपी पर दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। शासन का पक्ष रखते हुए अपर लोक अभियोजक पंकज पालीवाल ने बताया कि लगभग दस माह पहले आरोपी , नाबालिग को चॉकलेट खिलाने के बहाने अपने कमरे ले गया और उसके साथ दुष्कृत्य किया। साथ ही इसके बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी। बालिका के गुमसुम रहने और बुखार आने पर उसकी मां को संदेह हुआ । बातचीत में पीडि़ता ने बताया कि उसके साथ इंदिरा कॉलोनी , कोटेश्वर निवासी रामरतन ने दुष्कृत्य किया है। इसके बाद आरोपी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। 

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