नेताजी के हाथ में सौ-सौ के नोट
ग्वालियर । आमतौर पर हम ऐसा मानकर चलते है कि नेता बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते लेकिन कोई अगर ये कहे कि नेता भी अपने काम के लिए पैसे दे सकते हंै तो क्या आपको विश्वास होगा? बीते बुधवार को पहाड़ी स्थित शासकीय कार्यालय के बाहर जो नजारा देखने को मिला उससे तो यह सिद्ध होता है कि खादीधारी भी अपने काम के लिए सुविधा शुल्क देने में पीछे नहीं है।
पहाड़ी स्थित शासकीय कार्यालय में इन दिनों खासी भीड़ देखने को मिल रही है। लोगों को अपना काम करने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। इसी क्रम में पड़ोसी कस्बे की लोकप्रिय जनप्रतिनिधि भी अपने पति के साथ आर्इं, लेकिन लंबी लाइन देख चकरा गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पहले मैडम समर्थकों के साथ खड़ी होकर बतियाती रहीं। उन्हें ऐसा लगा कि उनकी अध्यक्षी का रुतबा यहां भी काम आएगा और काम चुटकी बजाकर हो जाएगा । लेकिन जब बात नहीं बनीं तो वे अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गई। वहीं दूसरी ओर नेताजी के पति काम जल्दी कराने की जुगाड़ में अधिकारियों से बात करते दिखे तभी एक कर्मचारी ने उन्हें शॉर्ट-कट बताया और शटर पर जाने के लिए कहा। अतिउत्साह में नेताजी जैसे ही शटर पर पहुंचे तो सीधे सौ-सौ के नोट निकाल लिए और ऐसे खड़े हो गए जैसे राशन की दुकान में सामान लेने आए हो। इसी बीच किसी ने उनका वीडियो बना लिया। इसमें नेताजी हाथ में पैसे लिए दिख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मामला संबंधित अधिकारी के समक्ष सोशल नेटवर्क के माध्यम से पहुंचा दिया गया है। अब कोई यह कहे कि हाथ में पैसे लेना ये नहीं दर्शाता कि वह रिश्वत दे रहे हैं तो भाई हमारा तो यही कहना है कि जिस जगह हर काम नि:शुल्क हो रहा है, वहां कोई हाथ में पैसे लेकर क्यों खड़ा होगा? अब देखना यह है कि नेताजी के पति की प्रथम तल स्थित कार्यालय में खिंचाई होती है या फिर ...?