चाची की हत्या के आरोपी पकड़े
ग्वालियर। बंटवारे के विवाद पर अपनी चाची की हत्या कर फरार हुए चार भाइयों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तिघरा थाना क्षेत्र अन्तर्गत एक गांव में बंटवारे के विवाद पर चार भाईयों ने मिलकर अपनी सगी चाची को गोली मार दी थी, बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जबकि आरोपी घटना के बाद से ही फरार हो गए थे। इनमें से तीन को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दबोच लिया है। आरोपियों के कब्जे से एक 315 बोर का कट्टा जब्त किया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम सौंजना में तीन सगे भाई ठाकुरदास कुशवाह, सोबरन कुशवाह और सुम्मेर कुशवाह अपने परिवार के साथ रहते हैं। ठाकुरदास और सोबरन के बीच जमीन का बंटवारा हुआ था जिसमें एक कुंआ सामलाती था। इस कुएं सेे सिचाई करने को लेकर दोनों भाईयों में विवाद होता रहता था। सोबरन ने अपनी जमीन अपने भाई सुम्मेर के लड़कों विनोद और बनवारी को बटाई पर दे रखी थी। जिस कारण से ठाकुरदास के लड़के रामवीर, छोटू और रामदास सोबरन और उसके लड़के लायक राम एवं रामवातार से नाराज रहने लगे थे। खेत की सिंचाई कुआं द्वारा करने पर ठाकुरदास और उसके लड़कों ने मना कर दिया। इसी बात पर 4 अप्रैल को सोबरन ने एतराज किया तो आपस में कहा सुनी हो गई। जिस पर दोनों पक्ष थाने पहुंचे और एक दूसरे के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवा दिया था। उसी दिन शाम को जब रामअवतार, विनोद बनवारी और लायक राम अपने घर पर पहुंचे तो उसकी चाची सुनीता ने गालियां देनी शुरू कर दीं। जिस पर रामअवतार ने अपनी 12 बोर की लायसेंसी बंदूक से उन्हें धमकाने का प्रयास किया जिस पर सुनीता ने रामअवतार के हाथ में एक डण्डा मार दिया जिससे बदंूक चल गई और गोली सुनीता की जांघ में जा धंसी। घायल अवस्था में सुनीता को ट्रॉमा सेन्टर में भर्ती करवा दिया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जबकि आरोपी फरार हो गए। मृतका के बेटे के कथन पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया था और उनकी तलाश में जुट गई थी। मंगलवार को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त होने पर पुलिस ने दबिश देते हुए विनोद, लायक राम और बनवारी को पकड़ लिया, इनके कब्जे से एक 315 बोर का कट्टा बरामद कर लिया। मुख्य आरोपी रामअवतार हत्या में प्रयुक्त बंदूक के साथ फरार है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही रामअवतार भी पुलिस की गिरफ्त में होगा।