थाई एयरवेज से दिल्ली लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल, सोनिया और प्रियंका ने की मुलाकात
नई दिल्ली | कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी 56 दिनों की छुट्टियों मनाकर आज दिल्ली लौट आए। उनके इन 56 दिनों के अवकाश की वजह बताने को कोई तैयार नहीं है। इस दौरान पार्टी पर उनके नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए गए थे।44 वर्षीय कांग्रेस नेता बैंकाक से थाई एयरवेज के विमान से सूबह करीब 11.15 बजे दिल्ली पहुंचे। इसके साथ ही उनकी वापसी को लेकर कई दिनों से चली आ रही अटकलें आज समाप्त गईं। उनकी वापसी से खुश पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके निवास 12 तुगलक रोड के बाहर पटाखे छोड़े।राहुल गांधी की वापसी कांग्रेस द्वारा 19 अप्रैल को रामलीला मैदान में भूमि विधेयक मुद्दे को लेकर आयोजित होने वाली किसान रैली के पहले हुई है। राहुल के इस रैली को संबोधित करने की संभावना है।राहुल के विमान को 10 बजकर 35 मिनट पर हवाई अड्डे पर उतरना था लेकिन इसमें करीब 40 मिनट की देरी हुई। सू़त्रों ने यह जानकारी दी। थोड़ी देर बाद, राहुल गांधी 12 तुगलक लेन स्थित अपने आवास चले गये जहां उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उनकी बहन प्रियंका इंतजार कर रही थीं ।23 फरवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले राहुल छुट्टी पर चले गये थे लेकिन यह अभी तक पता नहीं चल सका है कि उन्होंने अपना समय कहां बिताया। पार्टी ने उस समय कहा था कि राहुल गांधी ने ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हालिया घटनाओं और पार्टी की भावी दिशा पर चिंतन-मनन करने के लिए कुछ समय दिए जाने की अपील की थी।’उसके बाद से ही राजनीतिक जीवन से कुछ समय के लिए उनके अवकाश को लेकर यह अटकलें लगायी जाती रहीं कि वह पार्टी को अपने तरीके से चलाने की स्वतंत्रता नहीं दिए जाने से नाखुश हैं। पार्टी ने इसका आधिकारिक तौर पर खंडन किया था। राहुल गांधी ऐसे समय छुट्टी पर गए थे जब कांग्रेस के अखिल भारतीय सम्मेलन के बारे में चर्चा हो रही थी और ऐसी संभावना थी कि इसमें उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है।उनकी गैर मौजूदगी में पार्टी के कई नेता अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी के बने रहने की खुली वकालत करते नजर आए और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए। इन नेताओं में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित शामिल थे।कांग्रेस नेताओं ने ऐलान किया था कि राहुल 19 अप्रैल तक वापस आ जाएंगे क्योंकि उन्हें उस दिन रामलीला मैदान में भूमि विधेयक मुद्दे पर पार्टी द्वारा आयोजित किसानों की रैली को संबोधित करना है। यह रैली संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत की पूर्व-संध्या पर आयोजित की जा रही है।राहुल गांधी बजट सत्र के पहले चरण में शामिल नहीं हो पाए थे जिसमें कांग्रेस ने भूमि विधेयक के मुद्दे पर सरकार को घेरा था। कांग्रेस पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह विफल रही थी और इसके बाद दिल्ली विधानसभा समेत कई अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उसका प्रदर्शन काफी खराब रहा।सूत्रों ने यह भी बताया कि किसान रैली से दो दिन पूर्व 17 अप्रैल को किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राहुल गांधी की बातचीत की योजना बनायी जा रही है। 19 अप्रैल को वह पार्टी की किसान खेत-मजदूर रैली को संबोधित करेंगे। पार्टी नेताओं ने आज विश्वास जताया कि राहुल गांधी पूरी गतिशीलता और प्रतिबद्धता के साथ नेतृत्व प्रदान करेंगे और सक्रिय कदम उठायेंगे।पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, वह वापस आ गये हैं और मुझे कोई शक नहीं कि वह न सिर्फ सक्रिय कदम उठाएंगे बल्कि गतिशीलता और प्रतिबद्धता के साथ नेतृत्व प्रदान करेंगे।’ इस बीच भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष पर कटाक्ष किया और कहा कि वह भाग गये क्योंकि उन्होंने सारा भरोसा खो दिया था।राहुल करीब 55 दिन छुट्टी पर रहे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी दिल्ली में 19 अप्रैल को होने वाली कांग्रेस की किसान रैली में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह भारत भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान राहुल की दूसरी बड़ी लॉन्चिग मध्यप्रदेश के महू में होने जा रही है। पार्टी डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर सालभर चलाए जाने वाले कार्यक्रमों की बड़ी शुरूआत मई के अंतिम सप्ताह में उनकी जन्मस्थली महू से करेगी। इसके लिए एआईसीसी से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं को विशेष निर्देश दे दिए गए हैं।कांग्रेस इस कार्यक्रम के माध्यम से दलित राजनीति में अपनी पकड़ फिर से मजबूत करने की कोशिश करेगी। दलित राजनीति से पूर्व कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इसी के चलते 19 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान रैली का आयोजन किया जा रहा है।