चालीस फीसदी तक बढ़ेगा सम्पत्तिकर*
*भाजपा पार्षदों की बैठक में बनी सहमति
* संपत्तिकर बढ़ाने पर सतीश ने जताई आपत्ति
ग्वालियर, विशेष संवाददाता। अपने खजाने को भरने के लिए नगर निगम को एक बड़ी सफलता मिल गई। भाजपा पार्षदों ने सर्वसम्मति से घरेलू सम्पत्तियों पर 25 से 30 फीसदी तथा व्यावसायिक सम्पत्तियों पर 35 से 40 फीसदी कर बढ़ाना तय कर लिया है। हालांकि बैठक में पार्षद सतीश सिंह सिकरवार ने सम्पत्तिकर बढ़ाए जाने की अपेक्षा उसकी वसूली पर जोर देने के लिए कहा। शुक्रवार को मेयर-इन-काउंसिल (एमआईसी) की बैठक में इसे लेकर अंतिम रूप से मोहर लगना है। 29 अप्रैल को परिषद की बैठक में इसे पारित कराया जाएगा।गुरुवार शाम चार बजे महापौर विवेक शेजवलकर की अध्यक्षता में हुई भाजपा पार्षद दल की बैठक में सम्पत्तिकर बढ़ाए जाने पर चर्चा की गई। इस मामले में सभी पार्षदों को अपने विचार खुलकर व्यक्त करने के लिए कहा गया था लेकिन अधिकांश पार्षदों ने निगम के कामकाज बेहतर तरीके से संपादित करने के लिए सम्पत्तिकर बढ़ाए जाने पर रजामंंदी दिखाई, लेकिन यह पार्षद निगमायुक्त के इस आशय के प्रस्ताव कि घरेलू सम्पत्तियों पर 50 तथा व्यावसायिक पर 100 फीसदी कर बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं थे। सभी पार्षदों से विचार विमर्श के उपरांत पार्षद दल ने घरेलू सम्पत्तियों पर 25 से 30 फीसदी तथा व्यावसायिक पर 35 से 40 फीसदी सम्पत्तिकर बढ़ाए जाने पर रजामंदी दिखाई। बैठक में राजस्व शाखा प्रभारी खुशबू गुप्ता मौजूद नहीं थीं। वे दिल्ली में अपने किसी परिजन की शादी में गईं हुईं हैं। एमआईसी की बैठक में वे मौजूद रहेंगी।23 करोड़ है सम्पत्तिकर की वसूलीउल्लेखनीय है कि निगम प्रशासन द्वारा वर्ष 2014-15 वित्तीय वर्ष में सम्पत्तिकर-समेकित कर से करीब 23 करोड़ की वसूली की है। जबकि लक्ष्य 50 करोड़ के करीब था। निगम अगर घरेलू संपत्तियों पर 25 से 30 फीसदी तथा व्यावसायिक संपत्तियों पर 35 से 40 फीसदी सम्पत्तिकर बढ़ाया जाना स्वीकार किया जाता है तो वर्तमान वसूली 23 करोड़ से 45 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। निगम अधिकारी भी यही चाहते हैं कि उन्हें वसूली के लिए जिल्लत नहीं झेलना पड़े और आसानी से वसूली बढ़ जाए।
सिकरवार ने जताई आपत्ति
भाजपा पार्षद दल की बैठक में वार्ड 56 से निर्विरोध विजयी होकर धमाका करने वाले पार्षद सतीश सिकरवार ने भले ही अपनी व्यक्तिगत राय दी हो,लेकिन बैठक में धमाका किए जाने जाने से पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन को चाहिए कि वे उन सम्पत्तियों से कर वसूलें जो अभी तक कर के दायरे से बाहर हैं। साथ ही उन सम्पत्तियों से समेकित कर की वसूली की जाए जो सम्पत्तिकर से मुक्त रखी गईं हैं। अगर हम दोनों प्रकार की वसूली कर लें तो निगम का खजाना काफी भर जाएगा। सतीश ने निगम के गैर जरूरी खर्चे रोकने पर भी जोर दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि परिषद की बैठक में वे उसी प्रस्ताव का समर्थन करेंगे जिसे महापौर द्वारा रखा जाएगा। चंूकि यह पार्टी फोरम है, इसलिए उन्होंने अपनी बात रखी है।
विकास कार्यों के लिए कर बढ़ाना जरूरी: महापौर
महापौर विवेक शेजवलकर ने कहा कि निगमायुक्त के प्रस्ताव को स्वीकार करने के पक्ष में हम नहीं थे। पार्षदों ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सम्पत्तिकर बढ़ाए जाने पर सहमति दिखाई। पिछले पांच साल से संपत्तिकर बढ़ाया नहीं गया था। इसलिए भी विकास कार्यों को गति देने के लिए इसे बढ़ाया जाना जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन को कहा है कि वे संपत्तिकर की शेष वसूली जल्दी पूरी करें। शेष अन्य प्रकार की वसूलियों के लिए भी निर्देशित किया है। बैठक में सतीश सिकरवार द्वारा विरोध जताए जाने पर उन्होंने कहा कि सतीश सिकरवार ने अपनी बात रखी थी। विरोध जैसी कोई बात नहीं है। निगम की वसूली बढ़ाने की बात पर मैं तथा भाजपा के अन्य पार्षद भी पूरी तरह से सहमत हैं।