पेशावर स्कूल नरसंहार व तालिबान के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला पर संयुक्त राष्ट्र ने लगाया रोक

न्यूयार्क | पेशावर स्कूल नरसंहार के मास्टमाइंड व पाकिस्तानी तालिबान के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध लगा दिया है। अल-कायदा प्रतिबंधों की सूची में फजलुल्ला (40) का नाम संयुक्त राष्ट्र ने शामिल कर दिया है। और अब मुल्ला फजलुल्ला संपत्ति जब्त की जा सकती है। इसके साथ ही मुल्ला फजलुल्ला यात्रा एवं हथियार पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
टीटीपी के नेता बनने से पहले फजलुल्ला ने दावा किया था कि वर्ष 2013 के सितंबर में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल सनाउल्ला नियाजी की हत्या के पीछे और 2012 में स्कूली छात्रा मलाला यूसुफजई पर हमला करने का आदेश देने में भी उसका हाथ था।
जून 2012 में उसे 17 पाकिस्तान सैनिकों पर हमला करने और तालिबान के खिलाफ शांति समिति का नेतृत्व करने वाले बुजुर्गों की हत्या करने का भी जिम्मेदार माना जाता है। फजलुल्ला ने पाकिस्ताोन में स्वारत घाटी में 2007 से 2009 तक स्थानीय टीटीपी का नेतृत्व किया था।
पिछले महीने मार्च के अंत में पाकिस्तान के अशांत खबर कबिलाई इलाके में किए गए हवाई हमले में ‘रेडियो मुल्ला’ के नाम से जाना जाने वाला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का कमांडर गंभीर रूप से घायल हो गया जिसमें उसके मारे जाने की अपुष्ट खबरें भी सामने आई थी।
गौरतलब है कि फजलुल्ला स्वात घाटी में तालिबान का नेता था जो नवंबर 2013 में अमरीकी ड्रोन हमले में हकीमुल्ला के मारे जाने के बाद वह तालिबान का प्रमुख बना था। उनके नेतृत्व में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने दिसंबर 2014 में पेशावर स्थित सेना के एक स्कूल पर हमला करने का दावा किया था जिसमें 132 बच्चे, 10 शिक्षक और तीन सैनिक मारे गए थे।
वहीं, जनवरी में अमरीका ने फजलुल्ला को एक वैश्विक आतंकी का करार दिया था और उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए गए थे। सुरक्षा परिषद समिति ने अल-कायदा के प्रतिबंधों की सूची में फजलुल्ला का नाम शामिल करने को मंजूरी प्रदान कर दी और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की गतिविधियों के प्रसार के लिए वित्त पोषण, योजना बनाने, सुविधा मुहैया कराने और तैयारी का जिम्मेदार माना है।

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