जनमानस
बगैर पटकथा का नायक
वास्तव में सलमान खान ने अपने केस को न तो रील लाइफ के अनुसार लिया और न रियल लाइफ में जिया।यही कारण है कि उनको हुई सजा पर मातमी धुनें घोर आक्रोश में उनकी सारी नेकी को बदनाम करती हुयी स्पष्ट हुयीं।अपराध बोध में असली नायक होने का सुनहरा मौका सलमान ने गवां दिया है। उनके हीरो होने के तमाम कार्य हिट-एंड-रन मामले में जीरो ही सिद्ध हुये हैं। भले ही उन्हें जेल न हो परंतु इस कलंक गाथा में उनका फिल्मी कारोबार नैतिकता से दूर पैसे की हवस ही सिद्ध होता है।
हरिओम जोशी
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