देवरानी को जिंदा जलाने वाले जेठ-जिठानी को उम्र कैद

* सम्पत्ति बंटवारे को लेकर पति की अनुपस्थिति में की थी सीमा की हत्या
* गवाहों ने न्यायालय में बदले बयान, न्यायाधीश ने मृतका के कथन को माना साक्ष्य


मुरैना। अम्बाह थाने के बंधा गांव में सम्पत्ति के बंटवारे के विवाद के कारण जेठ व जिठानी ने मिलकर रसोई में काम कर रही सीमा पत्नी विजय सिंह के ऊपर केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया, जिससे घटना के दिन ही जिला चिकित्सालय मुरैना में इलाज के दौरान सीमा की मौत हो गई थी। मृतका ने मृत्यु से पूर्व तहसीलदार के समक्ष जिला चिकित्सालय में बयान दिया था कि घर में चल रहे सम्पत्ति के बंटवारे के विवाद को लेकर उसके जेठ जगदीश पुत्र नत्थी सिंह परमार, पप्पू उर्फ शिवदत्त, जिठानी पुष्पा पत्नी विजय सिंह ने रसोई में काम करते समय उसके ऊपर केरोसिन डालकर जला दिया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद अपर सत्र न्यायालय अम्बाह के न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता के समक्ष भादंस की धारा 302, 34 के अंतर्गत चालान प्रस्तुत किया। गुरुवार को न्यायाधीश श्री गुप्ता ने आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रामनिवास सिंह तोमर ने शासन की ओर से न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा।
अभियोजन के अनुसार 10 अक्टूबर 2010 को सुबह आठ बजे सीमा परमार अपने घर में रसोई में काम कर रही थी तभी जगदीश, पप्पू उर्फ शिवदत्त, पुष्पा ने उसके ऊपर केरोसिन डाल दिया और माचिस की तीली से आग लगा दी। महिला को गंभीर जली हुई हालत में अम्बाह अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे जिला चिकित्सालय मुरैना रैफर कर दिया गया। मुरैना जिला चिकित्सालय में पहुंचने पर चिकित्सकों ने सीमा के बयान तहसीलदार के समक्ष दर्ज कराए। सीमा की मौत घटना दिनांक को ही दोपहर 12:30 बजे जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान हो गई।
अम्बाह पुलिस ने सीमा की मौत पर अपराध क्रमांक 318/10 धारा 302, 34 में जेठ जगदीश, पप्पू उर्फ शिवदत्त व जिठानी पुष्पा को आरोपी बनाया तथा जांच के उपरांत प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
अपर सत्र न्यायालय अम्बाह में न्यायाधीश पी.सी. गुप्ता के समक्ष मामले की सुनवाई हुई, जिसमें शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक रामनिवास सिंह तोमर ने घटना के साक्ष्य तथा गवाहों के बयान कराए। मगर गवाहों ने अपने बयान अदालत के सामने बदल दिए, लेकिन न्यायाधीश श्री गुप्ता ने मृतका सीमा द्वारा तहसीलदार के मसक्ष दिए गए मृत्यु पूर्व कथन के आधार पर आरोपियों को दोषी सिद्ध पाते हुए धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा के साथ 10-10 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया। तीनों आरोपियों को न्यायालय ने जेल वारंट बनाकर जेल भेज दिया।

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