देशभक्ति जनसेवा पर रिश्वत व प्रताडऩा के आरोप लगाए

भोपाल। भोपाल पुलिस की खाकी वर्दी अब दागदार होने लगी है। कभी एक युवक की मौत पर पुलिस पर उसकी हत्या करने के आरोप लगता है, तो ट्रैफिक पुलिस सरेराह वाहन चालक के साथ मारपीट कर देती है। इतना ही नहीं थानों में पीडि़तों के साथ तक अभ्रदता के मामले में सामने आने लगे हैं। साथ ही थाना पुलिस पर भी थर्ड डिग्री देने तक के आरोप लग चुके हैं। कुछ मामलों में शिकायत होने पर जांच भी शुरू हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अफसरों की मॉनीटरिंग में कमी
सूत्रों की मानें तो पुलिस के आला अफसरों की मॉनीटरिंग की कमी के चलते इस तरह के आरोप पुलिस पर लगते रहते हैं। इसका मुख्य कारण यह भी है कि पुलिस अधिकारी शिकायत होने पर अपने मातहतों को बचा लाने में कामयाब भी हो जाते हैं। बाद में जब मामला बढ़ता हुआ दिखाई देता है, तो अफसर भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। अधिकारियों को नियमित मॉनीटरिंग करते रहना चाहिए। यदि समय रहते इन मामलों पर फोकस किया जाए तो गड़बड़ी रुक सकती है।
26 जून क्राइम ब्रांच पर टीलाजमालपुरा में रहने वाले मोहसिन की हत्या करने का आरोप लग रहा है। इस मामले की न्यायायिक जांच भी चल रही है। साथ ही परिजनों ने भी क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया है। 6 मई को सूखीसेवनिया में रहने वाले ब्रजेश यादव ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। मारपीट के फोटो भी ब्रजेश यादव ने आला अधिकारियों को उपलब्ध कराए थे। बाद में मामला शांत हो गया था। भोपाल की ट्रैफिक पुलिस पर बेटू खान नामक एक चालक ने मारपीट करने का आरोप लगाया था। ट्रेफिक पुलिस की मारपीट से उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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