जनमानस
फैसले से जैनी हुए आहत
जैन धर्म के पवित्र संथारा पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगाकर इसकी तुलना आत्महत्या से की है। जो न्याय संगत नही है। जैन धर्म के सन्त अथवा अनुयायी किसी के दबाव में तप नहीं करते। आत्महत्या परेशान होकर की जाती है। माननीय कोर्ट को उक्त फैसला देने से पहले जैन समाज को विश्वास में लेना था। इस फैसले से देश भर के जैनी आहत हुए हैं।
शिरीष सकलेचा
Next Story