जनमानस
आतंक की जड़ के सफाए का सवाल
मुंबई धमाके के आरोपी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद यह चर्चा प्रारंभ हुई है कि भारत में हिंसा का तांडव कर निर्दोषों की जान लेने वाले दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, टाईगर, छोटा शकील जैसे खूंखार आतंकवादी पाकिस्तान में ऐश का जीवन बिता रहे हैं। भारत के पास इनके बारे में पर्याप्त प्रमाण होने के बाद भी भारत की सरकार इनको गिरफ्त में नहीं ले पा रही है। याकूब मेमन भारत में आ गया था, इसलिए 22 वर्ष तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद फांसी का फंदा उसके गले तक पहुंच गया। संसद पर हमले की साजिश के आरोप के अन्तर्गत अफजल गुरु को न्यायालय के आदेश से फांसी दी गई। इसी प्रकार करोड़ों के खर्च के बाद न्यायिक प्रक्रिया से ही 26/11 के आरोपी कसाब को फांसी दी गई। अजहर मसूद, जकीउर्र हमान लखवी, हेडली भी भारत की गिरफ्त के बाहर है। यह सवाल भी चर्चा में है कि जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा, क्या उसी तरह की कार्रवाई हम नहीं कर सकते? भारत के सामने कभी अन्तर्राष्ट्रीय दबाव है और कभी कूटनीतिक बाध्यता है।
अभिशेष अग्रवाल