जनमानस
पेटलावद हादसे के जिम्मेदार नौकरशाह
झाबुआ जिले के पेटलावद में विस्फोटक के अवैध गोदाम में हुए भंयकर विस्फोट में 90 लोगों के प्राण गए है। हर बड़ी दु:खद दुर्घटना के बाद जिस तरह जांच के आदेश व आर्थिक सहायता की घोषणा होती है वह सब इस मामले में भी किया जा रहा है, मामले को ठंडा करने के लिए कहा जा रहा है कि गोदाम का मालिक राजेन्द्र कांसवा बगैर लायसेंस के विस्फोटकों का धंधा कर रहा था, बरसों से। यह तथ्य कोई अजूबा नहीं है। हर शहर व कस्बे में कौन व्यक्ति कौन से बड़े नाजायज काम कर रहा है और उसके किससे संबंध है, किस तरह वह अपना काम चलाता है व उसकी क्या कमाई है, ये बातें 2-4 नहीं सैकड़ों लोग जानते हैं। छोटे-बड़े नेता, पत्रकार, विधायक, सामाजिक कार्यकर्ता व पुलिस व प्रशासन के सभी कारिंदे सब कुछ जानते हैं। या तो ये अपना हिस्सा ले लेते हैं या चुप रहते हैं, अपने को क्या करना। किसी क्षेत्र में कौन रेत का अवैध खनन कर रहा है, कौन बिना परमिट के बस चला रहा है, कौन सट्टा चला रहा है, कौन जुए के अड्डे चला रहा है, कौन पेट्रोल में मिलावट कर रहा है ये बातें अक्सर पूरा नगर व बच्चा-बच्चा जानता है। कौनसा थानेदार, तहसीलदार क्या कर रहा है, यह भी आम जनता जानती है। इन सभी बातों की जागरूक, ईमानदार व पीडि़त व्यक्ति लगातार शिकायतें भी करते रहते हैं। पर भ्रष्ट उच्च अधिकारी व उनेक भ्रष्ट बाबू, पीए, समाज कंटकों को शिकायतकर्ता के नाम बता देते हैं, जिससे उनका जीना हराम हो जाता है। उनसे बदला लिया जाता है, अपमानित किया जाता है और उनकी हत्या तक कर दी जाती है। तहसील ब्लोअर हर जगह होते हैं जो हर भ्रष्टाचार व गलत बातों को उजागर करते हैं, पर भ्रष्ट अफसर जानबूझकर कुछ नहीं करते। पेटलावद जैसे मामलों के जिम्मेदार ये बड़े अफसर ही है, जो सब जानते हैं पर रिश्वत खाकर चुप रहते हैं।
राजवीरसिंह