जनमानस

कहां छुप गए धर्म निरपेक्षता के ढोंगी

कोलकाता के माल्दा में मुस्लिमों की भीड़ ने एक राय होकर थाना, बी.एस.एफ. जनता और भरे बाजार में पूर्व नियोजित हमला बोला लेकिन उक्त हमले के बाद किसी भी धर्म निरपेक्षतावादी ठेकेदार ने इस पूर्व नियोजित हिंसा के प्रति एक शब्द भी नहीं उगला। अगर इस तरह का वाक्या हिन्दू समाज कर देता तो तमाम धर्म निरपेक्षता के हिमायती अपना-अपना भोंपू बजाना प्रारंभ कर चुके होते बात-बात पर हिन्दुत्व को नीचा दिखाने का डंका बजाने वाले तथाकथित धर्मनिरपेक्षी चुप क्यों हैं। उन्हें माल्दा की इस अप्रत्याशित हिंसा पर अपना दो मुहा मुंह क्यों बंद कर रखा है।
मुकेश घनघोरिया, घाटीगांव

मेले की छत्रियों को शहीदों के नाम दें

व्यापार मेले में बनी सभी छत्रियों के ऊपर देश के वीर शहीदों के चित्र लगाकर सभी छत्रियों को उनके नाम दे जिससे शहीदों का स्मरण किया जाए और मेले की रौनक और सुन्दरता दिखाई देगी। छत्री में रंगीन फूलों के गमले और सैलानियों के बैठने के लिए बैंच भी लगाए जाएं तो मेले घूमने वालो को विश्राम के लिए भी अच्छा होगा।
अशोक शिरढोणकर, ग्वालियर

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