छात्रवृत्ति हड़पने वाले प्रधानाध्यापक को नहीं मिली राहत
प्राथमिकी दर्ज हुई थी 1997 में, तभी से है फरार
ग्वालियर। अन्य पिछड़ा वर्ग के 78 छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के आरोपी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार शर्मा को उच्च न्यायालय ने राहत देने से मना कर दिया। न्यायमूर्ति एन.के. गुप्ता ने अपने आदेश में कहा कि याची द्वारा ऐसा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे यह साबित हो सके कि वह विद्यालय की शिक्षा प्रसार समिति का सदस्य नहीं था। जब याची ने सीआरपीसी की धारा 482 के अंतर्गत याचिका प्रस्तुत की है तो यह दर्शाना याची की जिम्मेदारी बनती है कि वह निर्दोष है। न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए पूर्व में दिए गए स्थगन आदेश को भी निरस्त कर दिया।
प्रकरण की जानकारी देते हुए शासकीय अभिभाषक भानुप्रताप सिंह चौहान ने बताया कि अनिल कुमार शर्मा ने ऐंचौली, जिला मुरैना स्थित माधव माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर रहते हुए 1995-96 में 78 छात्रों की छात्रवृत्ति राशि निकाल ली। इस संबंध में जब जांच की गई तो पता चला कि जिन छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति राशि ली गई, वह कभी उक्त विद्यालय में पढ़े ही नहीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कैलारस के विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने अनिल कुमार शर्मा व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसे निरस्त करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। शासकीय अभिभाषक ने याचिका निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि विद्यालय में आर्थिक अनियमितता हुई और प्रधानाध्यापक के नाते याची के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद से ही वह फरार है। यदि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया होता तो उससे पूछताछ हो सकती थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि याची न्यायालय के समक्ष ऐसा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहे कि वे 1995-96 के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक नहीं थे। उनके तर्कों से सहमति जताते हुए न्यायालय ने याची को राहत देने से मना करते हुए याचिका खारिज कर दी।