जनमानस
राहुल की नादानी
हमारे राष्ट्रपतिजी श्री प्रणब मुखर्जी जो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे, जब संसद में होहल्ला कर संसद को बाधित कर कार्य नहीं हो रहा था, तब हमारे राष्ट्रपतिजी ने जनहित में संसद को चलने देने को कहा था, तब भी विपक्ष ने ध्यान नहीं दिया। एक बार फिर राष्ट्रपतिजी द्वारा मोदीजी की सरकार द्वारा लाया गया स्टार्टअप इंडिया अभियान की शुरुआत की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए मोदी सरकार की पहल को सकारात्मक व उचित बताया, वहीं इतने वर्षों तक सरकार में रहते हुए उनके व सरकार के रहते हुए यह स्टार्टअप इंडिया बहुत पहले हो जाना था, चूक स्वीकार करते हुए, वहीं उन्होंने किसी को भी दोष न देते हुए इस चूक के लिए स्वयं पर जिम्मेदारी ली, वहीं कहा कि मोदीजी की सरकार ने उस चूक को सुधारा है, माननीय राष्ट्रपतिजी ने उस पर अपनी स्वीकृति की मोहर भी लगाई, वहीं स्वयं पर जिम्मेदारी लेते हुए वहां पर ऊँचे पदों पर बैठे हुए लोगों द्वारा जिम्मेदारी स्वीकार करने में हिचकिचाहट करने वालों को नसीहत भी दी। राष्ट्रपतिजी की यही सकारात्मक सोच अच्छे कार्यो की प्रशंसा सरकार का मनोबल बढ़ाती है। वहीं कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा स्टार्टअप इंडिया को असहिष्णुता से जोड़कर एक प्रकार से उन्होंने अपनी नादानी का ही परिचय दिया, जबकि देश-विदेश के कई युवा उद्यमियों द्वारा इसका स्वागत किया गया, राहुल ने यह भी नहीं सोचा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व देश के राष्ट्रपतिजी ने खुद सरकार में रहते हुए शुरुआत नहीं करने की जिम्मेदारी ली।
पुरुषोत्तम गुप्ता