नकली एसडीएम बनकर बेरोजगारों को ठगने वाला पुलिस ने पकड़ा
आईएएस की परीक्षा में फेल हुआ था, नकली पिस्टल और अन्य दस्तावेज बरामद
ग्वालियर। मुरार पुलिस ने आईएएस परीक्षा में फे ल होने पर नकली एसडीएम बनकर लोगों को ठगने वाले एक शातिर युवक को पकडऩे में सफलता प्राप्त की है। आरोपी स्वयं को बिहार के सीवान और छपरा का एसडीएम बताकर बेरोजगारों को ठगने का धंधा कर रहा था।पुलिस ने उसे एक सायबर कैफे से पकड़ा है। पुलिस को शक है कि युवक के पीछे कोई गिरोह भी है। शनिवार को थाना मुरार प्रभारी रविन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि सात दिन पहले कुछ युवकों ने थाने में आवेदन दिया था कि अपने आप को बिहार के दो जिलों का एसडीएम बताने वाला एक युवक नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रूपए ठग रहा है।
इस पर पुलिस ने संज्ञान लिया और दो टीमों को पीछे लगाया। दोपहर के समय पुलिस ने पहचान के आधार पर मुरार के सायबर कैफे से नरेन्द्र गुर्जर निवासी घासमंडी, मुरार को बिहार के फार्म अपलोड करते हुए पकड़ लिया।
बिहार में नौकरी लगवाने का दे रहा था झांसा
बताया जाता है कि आरोपी ने आईएएस की प्रांरभिक परीक्षा पास की थी लेकिन मुख्य परीक्षा में वह फेल हो गया था। उसने लोगों को ठगने का रास्ता निकाला और स्वयं प्रशासनिक अधिकारी बन गया। अपने आसपास के लोगों को वह बिहार के सीवान में पदस्थ एसडीएम बताता था और बिहार में उनकी नौकरी लगवाने की बात कहता था। इसी बात से प्रभावित होकर बेरोजगार शुभम सोनी से उसने तीन लाख रूपए नौकरी लगवाने के नाम पर लिए थे। उसकी नौकरी नहीं लगने और पैसे वापस नहीं मिलने पर शुभम ने मुरार थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई थी। पूछताछ में उसने कई युवकों को नौकरी के नाम पर दस-दस लाख रूपए वसूलना भी बताया है।
ठगी के पैसों से विदेश की सैर
जानकारी के अनुसार नरेंद्र के पास से पासपोर्ट ,फर्जी आई कार्ड और कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। बेरोजगार लोगों पर अपना प्रभाव जमाने के लिए नरेंद्र एक नकली पिस्टल भी रखता था, जिसे वो सरकारी बताता था। ठगी के पैसे से वो विदेशों की सैर भी कर चुका है। लंबी कार में वह घूमता था। आसपास के लोग उससे प्रभावित रहते थे। उसने बता रखा था कि वह इन दिनों अवकाश पर है।