जम्मू-कश्मीर में 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए 95 फीसदी छात्र
श्रीनगर। कश्मीर में 12वीं की परीक्षा में छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। नोटबंदी का भी इम्तेहान पर कोई असर नहीं दिखा। भारी तादाद में अपनी मौजूदगी दिखाकर छात्रों ने अलग-अलग संगठनों के विरोध पर भी जोरदार तमाचा जड़ा। सोमवार को हुए पहले पेपर में 32 हजार छात्रों में से करीब 95 फीसदी छात्रों ने परीक्षा दी। इससे घाटी में शैक्षिक गतिविधि की शुरूआत हो गई। अशांति के चलते स्कूल चार महीने से अधिक समय तक बंद रहे थे।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ स्थानों पर कानून और व्यवस्था की कुछ मामूली घटनाओं को छोड़कर पहले दिन पूरे कश्मीर में 450 से अधिक केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से हुई। इन केंद्रों में से 73 केंद्र ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में थे।
परीक्षा का संचालन करने वाले जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (बीओएसई) के एक अधिकारी ने कहा कि कुल 31964 छात्रों में से करीब 94.88 प्रतिशत छात्र परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी ने बताया कि छात्रों की समग्र उपस्थिति पिछले साल से 2.56 फीसदी अधिक थी।
अधिकारी ने बताया कि कश्मीर मंडल में 12वीं परीक्षा के लिए 48 हजार उम्मीदवारों के लिए 480 केंद्र स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहा कि छठे प्रश्नपत्र के लिए चयन करने वाले छात्र सोमवार को परीक्षा में सम्मिलित हुए।
सरकार ने परीक्षा तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करने का निर्णय किया था जबकि अभिभावकों ने मांग की थी कि परीक्षाएं टाल दी जाएं क्योंकि घाटी में अशांति से शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
कश्मीर में स्कूल चार महीने से बंद हैं इसलिए सरकार ने सिलेबस में 50 फीसदी की छूट दी है। सरकार की यह स्कीम सिर्फ इस महीने परीक्षा देने वालों के लिए है। सरकार ने छात्रों के लिए दो विकल्प दिए थे। अगर वो नवंबर में परीक्षा दें तो सिलेबस में छूट मिलेगी और अगर वो मार्च में परीक्षा देंगे तो कोई छूट नहीं होगी, लेकिन ज्यादातर छात्रों ने नवंबर का ही विकल्प चुना और इम्तेहान देने परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए। कश्मीर में स्कूल जलाने की घटना को देखते हुए सुरक्षा के भी जबर्दस्त इंतजाम किए गए हैं।