नक्सलियों ने जमाई प्रदेश के आदिवासी जिलों पर नजर
भोपाल। प्रदेश से लगे कई राज्यों में सक्रिय नक्सलियों की नजर अब सुरक्षित ठिकानों और अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश पर फोकस करना शुरु कर दिया है। नक्सलियों की नजर खास तौर पर प्रदेश के तीन आदिवासी बाहुल्य जिलों पर है। यह काम एक दलम द्वारा किया जा रहा है। करीब एक माह पहले 26 अक्टूबर को भोपाल में हुई आईजी-एसपी के सम्मेलन में इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी खुफिया ब्यूरो ने दे दी है। सूत्रों के अनुसार यह दलम ओडि़शा और तेलंगाना का है और इसके दो प्लाटून समूह पिछले छह महीनों से डिंडौरी, मंडला और अनुपपूर में सक्रिय है। दोनों प्लाटून में 20-20 सदस्य हैं। हालांकि इनकी पहचान अभी होना बाकी है जिसकी वजह है ये अपनी गतिविधियां बेहद गुपचुप तरीके से अंजाम देते है।
ब्यूरो रख रहा है पेंनी नजर
ओडि़शा और तेलंगाना के विस्तार दलम की जानकारी मिलते ही मप्र खुफिया सतर्क हो गया है। अधिकारियों की मानें तो अभी इनके सदस्यों ने जिलों की रैकी करना शुरू की है, वहीं यह अभी उन संभावनाओं को तलाश रहे हैं जिसकी मदद से यह आगे जड़े जमा सकें। वे देख रहे हैं कि इन जिलों में किस वर्ग के लोगों को वे अपने प्रभाव में आसानी से ला सकते है।
युवाओं पर खास नजर
इंटेलिजेंस इन प्लाटून के सदस्यों का पता लगाने के साथ-साथ जिलों के युवाओं पर खासतौर से नजर रख रही है। इनमें भी नाबालिगों से बीच-बीच में बातचीत के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नक्सलवाद से जुडऩे के लिए उन्हें कोई बहका तो नहीं रहा। मालूम हो कि कॉन्फ्रेंस के दौरान भी इंटेलिजेंस ने इन नई दलम के द्वारा नाबालिगों और युवाओं को भर्ती करने का अंदेशा जताया था और मुख्यमंत्री से इन जिलों में बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैय्या करवाने की बात की थी।
स्थिति पर नजर बनाए हुए है
ओडि़शा और तेलंगाना के नक्सली समूह के 40 सदस्यों की डिंडौरी, मंडला और अनुपपूर में होने का पता चला है। वे अपनी जमीन तलाशने मप्र की ओर बढ़ रहे हैं। फिलहाल इनकी कोई गतिविधि सामने नहीं आई है। इन्होंने किसी तरह की के पर्चे बांटने या कोई सार्वजनिक तौर पर की गई कोई लेकिन हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।