दो मासूमों के हत्यारोपी दादा, दादी व सौतेली मां को आजीवन कारावास

फीरोजाबाद। फिरोजाबाद के टूण्डला में सोलह वर्ष पूर्व दो मासूम बच्चियों की हत्या के आरोपी दादा, दादी व सौतेली मां को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0 4 राकेश कुमार ने आजीवन कारावास एवं पिछत्तर हजार रूपये जुर्माने की सजा से दण्डित किया। जुर्माना अदा न करने पर छह- छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जुर्माने की धनराशि से चालीस हजार रूपये पीडि़ता बच्चियों की मॉ को दिये जाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
मामला थाना टूण्डला गढ़ी जाफऱ से जुड़ा है। वादी सोवरन सिंह यादव पुत्र मूल चन्द्र यादव ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि उसके गॉव का रामेश्वर यादव पुत्र लखपति सिंह के लड़के रवीन्दर सिंह यादव की शादी करीब दस वर्ष पूर्व गॉव नगला दुर्जन थाना जसराना के राम सिंह यादव की पुत्री शशी देवी के साथ हुई थी। शशी देवी के दो पुत्रियां पैदा हुई जिसमें बड़ी लड़की अर्चना चार वर्ष एवं रेखा दो वर्ष है। शशी से कोई लड़का पैदा नहीं हुआ जिससे रविन्दर सिंह के पिता एवं माता ने रविन्दर की दूसरी शादी मानों नाम की लडकी से कर दी। दूसरी शादी के समय शशी अपने मायके में थी, जब उसे दूसरी शादी की जानकारी हुई तो वह मायके से ससुराल आ गयी। 28 मार्च 2000 को किसी बात को लेकर शशी के अपने पति बगैरा से झगड़ होने पर शशी और अपनी दोनों लड़की को लेकर अपने कमरे में जाकर दरवाजा बन्द कर दिया और काफी देर तक बाहर नहीं निकली, बहुत इन्तजार के बाद रविन्दर सिंह व उसके घर वाले व आसपास के लोगों ने उसका दरवाजा धक्का देकर खोला तो देखा कि रविन्दर सिंह की दोनों लड़कियॉ जमीन पर लहूलुहान जमीन पर पड़़ी हैं व उसकी पत्नी शशी देवी भी अपनी लड़की के बगल घायल अवस्था में पड़ी है। इसको देखकर रविन्दर सिंह उसके माता पिता व दूसरी पत्नी गॉव से भाग गये हैं।
पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर विवेचना उपरान्त चार आरोपी जिसमें मृतिकाओं के पिता रविन्दर सिंह, दादा रामेश्वर यादव, दादी कण्ठश्री एवं सौतेली मॉ मानो के विरूद्व आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। मुकदमा सेशन सुपुर्द होकर वास्ते सुनवायी व निस्तारण अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0 4 में स्थानांतरण किया गया। न्यायालय में अभियुक्त रविन्दर सिंह फरार चलता रहा जिसका मुकदमा अलग किया गया और तीन अभियुक्तों पर आरोप लगाया। अभियुक्तगण ने आरोप से इन्कार किया और सत्र परीरक्षण की मॉग की।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मकरन्द सिंह यादव एवं विजय कुमार शर्मा ने केस को साबित करने के लिये उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम दलील पेश की। अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने तथा गवाहान के ब्यान एंव पत्रावली पर उपलब्ध तमाम साक्ष्यों का गहनता से अध्यन करने के बाद अभियुक्तगण श्रीमती मानवती उर्फ मानो, रामेश्वर यादव एवं श्रीमती कण्ठश्री के विरूद्व पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर दोषी पाते हुये खुले न्यायालय में सजा सुनाई।

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