दूषित फलों के रस की बिक्री जोरों पर

प्रशासन मौन, प्रतिदिन हो रहे हैं अनेक लोग बीमार


शिवपुरी। माधव चौक पर टोडरमल पेट्रोल पंप के सामने स्थित शिवपुरी लॉज के नीचे फलों के रस की दुकान पर दूषित रस बेचा जा रहा है जिसके सेवन से लोग उल्टी-दस्त आदि बीमारियों के शिकार हो रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन मौन बना हुआ है। खाद्य विभाग के संरक्षण के चलते फलों के रस की सेम्पलिंग नहीं की जा रही। यदि उपभोक्ता विरोध दर्ज कराता है तो विक्रेता लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। समाजसेवियों ने प्रशासन और खाद्य विभाग से अनुरोध किया है कि यहां बिक रहे फलों के रस की सेम्पलिंग कराई जाए।


जानकारी के अनुसार फलों के दुकानदार मात्र जेब भरने पर उतारूं हैं, उन्हें उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि गन्ने के रस की मशीन दुकानदारों द्वारा महीनों तक साफ नहीं की जाती है। गन्नों की भी धुलाई नहीं की जाती जिससे गंदगीयुक्त गन्नों का रस निकालकर उपभोक्ताओं को परोसा जा रहा है। गाजर, संतरा, मौसम्बी, अनार आदि फलों का रस भी दूषित ही सप्लाई किया जा रहा है। मिक्सर की भी महीनों तक सफाई नहीं की जाती है। फलों और काजू तथा बादाम के शेक मनमानी दरों पर बेचे जा रहे हैं। प्रति गिलास 50 रुपए तक उपभोक्ता से वसूले जाते हैं।


उपभोक्ता ऊर्जा एवं ताकत बढ़ाने हेतु इनका उपयोग करते हैं, लेकिन स्वास्थ्यप्रद ढंग से शेक न निकालने के कारण उपभोक्ता उल्टे बीमार हो रहे हैं। बताया जाता है कि काजू एवं बादाम का पानी भी कई दिनों तक नहीं बदला जा रहा है। इनमें दूषित आइसक्रीम को मिलाया जाता है जिससे शेक में बदबू आ जाती है, लेकिन दुकानदार सिर्फ अपनी कमाई में मस्त हैं। उनका कहना है कि वह खाद्य विभाग को महीना देते हैं इस कारण कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

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