जाट आन्दोलन का असर; शताब्दी, ताज सहित कई रेलगाडिय़ां नहीं चलीं
टिकट वापसी को लेकर यात्री व कर्मचारियों में हुआ विवाद
ग्वालियर। मथुरा-पलवल के बीच में जाट समुदाय ने आन्दोलन करते हुए रेल पटरियों को क्षति पहुंचाई। जिसके चलते बीते रोज दिल्ली-भोपााल की ओर जाने वाली सभी गाडिय़ों को रद्द कर दिया गया था। सोमवार को यह आन्दोलन मथुरा-पलवल से भरतपुर की ओर बढ़ गया है। इससे कुछ राहत मिली और रेलवे स्टेशन पर सोमवार को इक्का- दुक्का गाड़ी हीं संचालित हो सकीं, कई गाडिय़ों के डाउन में तो चलाया गया पर अप ट्रेक पर रद्द रहीं। लेकिन समस्या यह रही कि यात्रियों को पहले तो गाडिय़ों के विलम्ब से संचालित होने की जानकारी मिलती रही पर अंत में पता चला कि वह गाड़ी तो रद्द कर दी गई है। इसके चलते स्टेशन पर अधिकारियों व कर्मचारियों से यात्रियों ने अपनी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि यदि रेलगाड़ी रद्द है तो पहले विलम्ब से संचालित होना क्यों बताया गया। हम लोग घंटों से यहां ट्रेन का इतंजार कर रहे हैं। इसी तरह से उन यात्रियों के सामने समस्या खड़ी हो गई जो लोग अपनी यात्रा रद्द कर टिकट वापस करने के लिए पहुंचे तब उन्हें पता चला कि ट्रेन तो आ रही है। यदि ऐसे में आप टिकट रद्द करेगें तो रिजर्वेशन चार्ज काटने के बाद ही पैसा वापस किया जाएगा। इस पर यात्री और रेलवे कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया। लेकिन बाद में पैसा वापस होने पर विवाद थम गया। वहीं गाडिय़ों के इंतजार में सोमवार को पूरा दिन स्टेशन यात्रियों से भरा रहा और जो गाडिय़ां गुजरीं उनमें निर्धारित संख्या से अधिक यात्री सवार थे। भोपाल व दिल्ली की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हांलाकि रेलवे ने यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए कुछ गाडिय़ों को आगरा से संचालित भी किया।
मोबाइल पर रद्द का मैसेज, टे्रन स्टेशन पर
सबसे अधिक समस्या उन यात्रियों के सामने आई जिनके मोबाइल पर ट्रेन रद्द होने का मैसेज आया। जब वह टिकट वापस करवाने स्टेशन पर पहुंचे तो पता चला कि ट्रेन तो चल रही है। अब यदि वह टिकट वापस करते हैं तो उनका पूरा पैसा वापस नहीं होगा। इस पर जब यात्रियों ने आरक्षण कार्यालय में बताया कि उनके मोबाइल पर ट्रेन रद्द का मैसेज पड़ा है फिर आप रिजर्वेशन चार्ज कैसे काट सकते हैं। लेकिन उन्हें इस बात का सटीक जवाब नहीं मिला। इसके बाद जब यात्री स्टेशन प्रबंधक के पास अपनी समस्या को लेकर पहुंचे तब उनकी समस्या का निराकरण निकाला जा सका। यात्री संदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्होंने भोपाल जाने के लिए जिस ट्रेन में रिजर्वेशन करवाया था। उस ट्रेन को रद्द करने का मैसेज साढ़े तीन बजे आया जब मैं टिकट वापस करवाने के लिए साढ़े चार बजे स्टेशन पहुंचा तो पता चला कि ट्रेन रद्द नहीं है। ऐसे में यात्री की क्या गलती है उसे तो पूरा पैसा वापस मिलना चाहिए। हालांकि रेलवे ने उन्हें पूरा पैसा वापस किया।
आठ दिन में साढ़े तीन सौ करोड़ का नुकसान, एक हजार से अधिक गाडिय़ां रद्द
पिछले आठ दिन से आरक्षण को लेकर जाट समुदाय द्वारा आन्दोलन किया जा रहा है। इसके चलते समुदाय के कुछ उपद्रवियों ने वाहनों की तोडफ़ोड़ की तो कई स्थानों पर लूट जैसी स्थिती निर्मित हो गई। रेलवे ट्रेक को अवरुद्ध करते हुए पटरियों को नुकसान पहुंचाया और रेलवे की सम्पत्ति के साथ तोडफ़ोड़ की। इससे रेल यात्रा प्रभावित हुई और हजारों की संख्या में रेलगाडिय़ां रद्द की गईं। इसके चलते अकेले रेलवे को करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा जो नुकसान हुआ वह अलग है।
उदयपुर इंटरसिटी आते-आते रद्द हो गई
जाट आन्दोलन के चलते गाडिय़ां ठीक ढंग से संचालित नहीं हो पा रहीं हैं। इसके चलते यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यात्रियों को जब पता चला कि शताब्दी, ताज व पंजाब मेल रद्द हैं, सम्पर्क क्रांति व उदयपुर इंटरसिटी झंासी की ओर चलेगी। यात्री सुबह से ही इन गाडिय़ों के इंतजार में स्टेशन पर पहुंचे। सम्पर्क क्रांति तो झांसी के लिए रवाना हुई, लेकिन उदयपुर इंटरसिटी को डेढ़ घण्टे विलम्ब से संचालित होना बताया गया। इसके बाद पता चला कि वह आगरा में खड़ी है, पूरे दो घण्टे बाद पता चला कि ट्रेन को रद्द कर दिया गया। इस कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी।
अप की शताब्दी, ताज सहित कई गाडिय़ां रद्द
अप की शताब्दी एक्सप्रेस, ताज एक्सप्रेस, हीराकुण्ड एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, सम्पर्क क्रांति, मालवा एक्सप्रेस, कर्नाटका एक्सप्रेस एवं उदयपुर इंटरसिटी को रद्द किया गया तो वहीं डाउन की झेलम एक्सप्रेस, पंजाब मेल,अण्डमान एक्सप्रेस, दादर-अमृतसर एक्सप्रेस, मालवा, दक्षिण एक्सप्रेस, पाताल कोट रद्द रहीं।