प्रमोशन के इंतजार में एक दर्जन वार्डबाय

2007 से नहीं हुई है प्रमोशन के लिए डीपीसी

श्योपुर। इसे विडम्बना ही कहेंगे कि स्वास्थ्य विभाग के एक दर्जन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिछले 8 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे है। लेकिन विभागीय अफसरों की उदासीनता के चलते कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में तकरीबन एक दर्जन वार्डबॉय पदस्थ हैं। नियमानुसार इनका आठ साल की सेवा अवधि के बाद लिपिक या एमपीडब्ल्यू कार्यकर्ता के पद पर प्रमोशन हो जाना चाहिए,मगर विभागीय अफसरों की लेतलाली एवं उदासीनता के चलते वे पदोन्नति से महरूम बने हुए हैं। आलम यह है कि विभाग में पिछले 8 वर्षों से पदोन्नति के लिए डीपीसी नहीं हुई है। जबकि साल में दो बार प्रमोशन के लिए डीपीसी का प्रावधान है। डीपीसी की बैठकें नहीं होने की वजह से एक दर्जन कर्मचारी प्रमोशन की बाट जोह रहे हैं। बंचित कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय अफसर औपचारिक रूप से प्रमोशन की कार्रवाई तो करते हैं,किन्तु महज वरिष्ठता सूची जारी करने तक। अंतिम बार वरिष्ठता सूची दिसम्बर माह में जारी की गई। इसके बाद भी प्रमोशन की कार्रवाई लंबित पडी हुई है। उल्लेखनीय है कि विभाग में वर्ष 2007 से किसी के प्रमोशन नहीं हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों को न तो बडा ओहदा मिल पा रहा है और न ही आर्थिक रूप से कोई फायदा।
ये है प्रमोशन के हकदार
स्वास्थ्य विभाग में पिछले 16 वर्षों से कार्यरत वार्ड बॉय मुन्नालाल बाथम, हरीलाल खरे, आशाराम वाल्मिक, मेवाराम शर्मा, अशोक शर्मा, राजवीर माहौर, माखनलाल, राजाराम आदिवासी, बालकिशन शर्मा,नीरज बाथम, अतुल गुप्ता आदि का प्रमोशन लंबित है।
इनका कहना है...
प्रमोशन के लिए वरिष्ठता सूची तो दो बार जारी की जा चुकी है,लेकिन प्रमोशन की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। विभाग में वर्ष 2007 के बाद कोई प्रमोशन नहीं हुए हैं,जिससे कर्मचारी आर्थिक लाभ से महरूम हैं।
अशोक शर्मा
वार्डबॉय स्वास्थ्य विभाग
वार्डबॉयों का प्रमोशन क्यों नहीं हो पा रहा है,यह जानकारी मेरे संज्ञान में ही नहीं है। 2007 से डीपीसी क्यों लटकी हुई है? इसका संबंधित बाबू से पता लगवाया जाएगा और जो भी कर्मचारी प्रमोशन के पात्र होंगे,उनके प्रमोशन की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।
प्रदीप मिश्रा
सीएमएचओ श्योपुर

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