घोटालेबाजों पर कस रहा है प्रशासनिक शिकंजा, सरंपच, सचिव के बाद अधिकारी भी निशाने पर
तीन उपयंत्रियों सहित टास्क प्रबंधक पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, ईई को भी नोटिस
सरपंच सचिवों ने किए 18 लाख सरेंडर
गुना। शासकीय योजनाओं के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों की करोड़ों की राशि डकारने के मामले में घोटालेबाजों पर प्रशासनिक शिकंजा कसता जा रहा है। इस मामले में अब तक तत्कालीन सरपंच, सचिव भी निशाने पर लिए जा रहे थे, किन्तु जांच में खुलती घोटालों की परतों के बाद अब संबंधित अधिकारियों को भी निशाने पर रखा जा रहा है। दरअसल जांच के दौरान घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत के साथ ही लापरवाही भी उभरकर सामने आ रही है। इसके चलते तीन उपयंत्रियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। इसके साथ ही एक उपयंत्री को आरोप पत्र एवं एक ईई को नोटिस थमाकर जवाब-तलब किया जा रहा है। इसके अलावा कई सरपंच, सचिवों ने आज भी शपथ पत्र प्रस्तुत कर मोहलत मांगी है। दूसरी ओर कार्रवाई के डर से कुछ सरपंच, सचिवों ने राशि समर्पित भी की है। यह राशि 18 लाख्र के लगभग बताई जाती है। एडीएम एवं जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ नियाज अहमद खाँन के मुताबिक सचिव और सरपंचों को कल 6 फरवरी 2 बजे तक का समय दिया गया है। इसके बाद इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाएंगे।
200 पंचायतों के सरपंच, सचिव को जारी हुए थे नोटिस
उल्लेखनीय है कि एडीएम एवं जिपं सीईओ नियाज अहमद खान ने जिले के २०० पंचायतों के सचिव और सरपंचों को किचिन सेड व बीआरजीएफ की राशि के दुरुपयोग करने को लेकर नोटिस जारी किए थे। एडीएम ने समीक्ष के दौरान निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पकडऩे के बाद यह कार्रवाई की थी। करीब 3 करोड़ का घोटाला इस दौरान सामने आया था। इन मामले में सरपंच, सचिवों ने राशि का आहरण तो कर लिया था, किन्तु निर्माण कार्य न करते हुए राशि खुद ही डकार ली थी। नोटिस में बीआरजीएफ में तत्कालीन सरपंच, सचिवों को 48 घंटे और किचिन शेड एवं स्कूल के अतिरिक्त कक्ष निर्माण में 72 घंटे का समय राशि जमा कराने के लिए दिया गया था। इसकी समय सीमा पूरी होनेे के बाद पिछले दो दिन से सरपंच, सचिवों की सुनवाई एडीएम द्वारा की जा रही है।
सब, कुछ बेच दूंगा पर जमा कराऊँगा राशि
सुनवाई के दौरान चांचौड़ा ब्लॅाक के एक पूर्व सरपंच ने शपथ पत्र दिया है कि फिलहाल कार्रवाई को रोक दिया जाए। वह अपना सब कुछ बेच देगा, किन्तु राशि जमा कराएंगे। इसके लिए उन्होने १५ दिन के समय की मांग की है, वहीं इसके अलावा एक अन्य पंचायत के सचिव ने बताया कि उसने किचिन सेड आधा बना दिया है आधा और बनाना है। दस दिन का समय दिया जाए वह इस अवधि में चिकिन सेड तैयार करा देंगे। इस तरह के दर्जनों सरपंच और सचिवों द्वारा दो दिन से चली आ रही सुनवाई के दौरान शपथ पत्र देकर राशि जमा कराने के लिए समय की मांग की है। कुछ सरपंच, सचिवों ने भ्रष्टाचार नहीं करने की कसम भी खाई है। इसी तरह कई पंचायतों के तत्कालीन सरपंच सचिव ने कार्रवाही के डर से १८ लाख की राशि सिरेंडर की है। इसके साथ ही कई अन्य राशि जमा करा रहे हैं।
दो दिन से चल रही सुनवाई
दोनों प्रकरणों में कलेक्ट्रेट में सुनवाई पिछले दो दिन से चल रही है, किन्तु अभी भी मामलों का निबटारा पूरा होने को नहीं आया है। सुनवाई के दौरान एडीएम नियाज अहमद खाँन अपने कक्ष के बाहर सरपंच, सचिवों को कतारबद्ध कर सुनवाई कर रहे है। इस दौरान कलेक्ट्रेट में सरपंच, सचिवों का जमावड़ा लगा देखने को मिल रहा है। फिलहाल कल 6 फरवरी को भी सुनवाई होगी।
3 उपयंत्रियों को सेवा समाप्ति का नोटिस
सुनवाई के दौरान कई मामलों में सामने आया कि सरपंच, सचिवों नेे निर्माण पूर्ण कर लिया है, किन्तु संबंधित उपयंत्री द्वारा सीसी जारी नहीं की गई। यह मामले लंबे समय से सीसी जारी होने के इंतजार में लटके हुए है। जांच में इनकी मिलीभगत और लापरवाही सामने आई है। इसको लेकर गुना जनपद के उपयंत्री एके त्रिवेदी को आरोप पत्र एवं बमौरी जनपद के उपयंत्री मनोज शर्मा,एमएल बंसल, एस श्रीवास्तव को सेवा समाप्ति का नोटिस थमाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। नोटिस मे अधिकारियों से 24 घंटे में जवाब मांगा जा रहा है।
टास्क प्रबंधक को भी नोटिस
मध्यान्ह भोजन के टास्क प्रबंधन को भी कार्रवाई के घेरे में लिया जा रहा है। प्रबंधक पर आरोप है कि किचिन शेड के मामले में संबधित तत्कालीन सचिव और सरपंचों को नोटिस जारी करने में लापरवाही बरती गई, वहीं निर्माण कार्यों की आहरण की गई राशि जमा कराने या काम शरु करानेको लेकर भी गंभीरता नहीं बरती गई। इसके चलते इन्हे भी सेवा समाप्ति का नोटिस दिया जा रहा है। नोटिस की कार्रवाई एक ईई के खिलाफ भी की जा रही है।