जेएनयू मामला: जांच समिति ने 21 छात्रों को पाया दोषी
नई दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम के लिए उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने 21 विद्यार्थियों को दोषी माना है। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय नियम और कायदों का उल्लंघन किया है। दोषी विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
उच्चस्तरीय कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार को सौंपी थी। पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने अपनी अनुशंसा जेएनयू के अनुशासन और सही व्यवहार से संबंधित नियमों के आधार पर की है। कमेटी की अनुशंसा के बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति ने डीन कमेटी को अवगत करा दिया है। आगे की कार्रवाई चीफ प्रोक्टर करेंगे जो विश्वविद्यालय के नियम और कायदों का उल्लंघन करने वाले विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे। सूत्रों के मुताबिक जिन 21 छात्रों को कमेटी ने दोषी माना है उनमें छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल हैं।
कन्हैया ने कहा कि अभी हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने के बाद ही हम उस पर कुछ कह पाएंगे और छात्र संघ काउंसिल में आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा। सौरभ शर्मा ने कहा कि मैं कमेटी के निर्णय का स्वागत करता हूं। मैं जेएनयू प्रशासन से मांग करता हूं कि कमेटी के सभी निर्णय और जांच रिपोर्ट को लोगों के सामने रखा जाए। कमेटी की अनुशंसा के मुताबिक तुरंत कार्रवाई होनी चाहित ताकि दोषियों को सजा मिल पाए।
इसी कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर 12 फरवरी को जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ विद्यार्थियों को शैक्षिणक गतिविधियों से निलंबित कर दिया था। इसमें रामा नागा, आशुतोष कुमार, अनंत प्रकाश नारायण, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, श्वेता राज और एश्वर्या अधिकारी शामिल थीं। 11 मार्च को रिपोर्ट कुलपति को सौंपने के साथ ही इन सभी विद्यार्थियों का निलंबन समाप्त हो गया था।
गौरतलब है कि कैंपस में आयोजित 9 फरवरी के कार्यक्रम की जांच के लिए 10 फरवरी को एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। इस जांच कमेटी में प्रोफेसर राकेश भटनागर, प्रोफेसर हिमांद्री बोहिदार और प्रोफेसर सुमन के. धर शामिल थीं। जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ की मांग पर 24 फरवरी को इस कमेटी में प्रोफेसर जीजेवी प्रसाद और प्रोफेसर उम्मू सलमा बावा को भी शामिल किया गया। इस कमेटी का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया था।