दलित गौभक्त की हत्या पर आखिर चुप क्यों हैं मायावती: भाजयुमो
भाजपा नेताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग
आगरा। विश्व हिन्दू परिषद के महानगर उपाध्यक्ष व दलित गौभक्त अरुण माहौर की हत्या के बाद उनकी शोकसभा में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस द्वारा भाजपा की वरिष्ठ नेता कुन्दनिका शर्मा व विहिप कार्यकर्ता प्रशांत चौधरी और अशोक लवानिया के खिलाफ धारा 295 ए और 153 ए में थाना लोहामंडी में मुकदमा दर्ज किया है। भाजपा व विहिप नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रशासन के प्रति रोष प्रकट किया और दलित की हत्या पर विपक्षी दलों की चुप्पी को वोटों के लालची करार दिया है।
मंगलवार को भारतीय जनता राष्ट्रीय सहसंयोजक यादवेंद्र शर्मा व जिलाध्यक्ष सोनू चौधरी व महामंत्री लखन कुमार ने कहा कि अरुण माहौर एक दलित परिवार के थे और समूचा विपक्ष रोहित वेमुला की आत्महत्या पर सदन की कार्यवाही को बाधित करता रहा है। परंतु अरुण माहौर की हत्या पर विपक्ष के किसी भी नेता द्वारा उनसे शोक संतप्त परिवार से मिलना तो दूर शोक प्रकट करना भी उचित नहीं समझा। जिला मीडिया प्रभारी शिवम पचौरी ने कहा कि मायावती खुद को दलितों का हितैषी बताती है लेकिन, वोटों प्राप्ति की माहिर खिलाड़ी मायावती ने भी अरुण माहौर की हत्या पर कोई बयान नहीं दिया।
भाजयुमो ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भाजपा नेताओं के ऊपर से सभी मुकदमें वापस नहीं लिए गए तो ईंट का जबाब पत्थर से दिया जाएगा। कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी कि प्रशासन केंद्रीय मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया, सांसद बाबूलाल, विहिप के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन, के टेप निकाल कर उन पर एफआईआर करने का षडयंत्र निंदनीय है। भाजयुमो के गौरव भार्गव, राहुल, निशांत लवानियां, शिवम पचौरी, गौरव सोलंकी, मान्वेंद्र राठौर, सुभाष निषाद, राज माहौर, आदि ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने अपना पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं छोड़ा तो भाजयुमो के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे।