जलस्तर गिरने से बढ़ रही पीने के पानी की समस्या
मऊरानीपुर। लगातार सूखा से निरंतर घट रहे जलस्तर के चलते नगर व ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या आम जन में चिंता का सबब बनी है। अधिकांश हैण्डपंपों ने पानी देना बंद कर दिया। नदी, तालाब, प्राचीन कूप, पोखर व झील पहले ही जबाब दे तोड़ चुके हैं। ऐसे में पीने के पानी की आवश्यक समस्या जन-जीवन के लिये चिंता का कारण बनी हुयी है। शासन, प्रशासन के लिये भी यह समस्या का निस्तारण मुसीबत का काम बना हुआ है। जिस कारण अभी से ग्रामीणो को मीलों दूर से पीने का पानी लाकर प्यास बुझानी पड रही है।
मऊरानीपुर विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कदौरा मे लगे अधिकॉश सरकारी हैण्डपम्पों का सूखें के कारण जल स्तर कम हो जाने से पानी की किल्लत बढ़ गई है। ग्रामीणों को गॉव के बाहर लगे हैण्डपम्प से साइकिल मे डिब्बें टांगकर पीने का पानी लाने को मजबूर होना पड रहा है। प्रधान धनश्यामदास पाल ने बताया कि अधिकॉश हैण्डपम्प हरिजन बस्ती के खराव होने के कारण जिला प्रशासन से रीवोर कराये जाने की मॉग की है।। इसी प्रकार ग्राम पंचायत पंचमपुरा, हरपुरा में लगे हैण्डपम्प, प्राचीन कुए सूख गये हैं। जिससे दोनो गॉव के लोगों को पीने के पानी समस्या उत्पन्न हो गयी है। ग्रामीणों ने खराब पडें हैण्डपम्प व सूखें पडें कुए को ठीक कराये जाने की मॉग खण्ड विकास अधिकारी से की है। इसी प्रकार खिलारा, भण्डरा , भदरवारा, बसरिया, धायपुरा, नयागॉव, बरूआमाफ , पठा, ढकरवारा, भानपुरा, विरगुवा, खकौरा, कुवरपुरा, बुखारा, बडागॉव, सितौरा, खरकामॉफ , मथुपुरा, आदि में भी पेयजल का संकट बढ रहा है। क्षेत्र बासियों ने पहाड़ के किनारे बसे गॉवों मे टैंकरों से पानी पहुॅचाने की मॉग की है।
पेयजल मामले में ब्लाक प्रशासन गंभीर नहीं
ब्लाक प्रशासन ने सूखे से निपटने की कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की है। यहां तक की ब्लाक क्षेत्र के ग्रामों में हैण्डपंपों की स्थिति क्या है। इसकी भी रिपोर्ट उसके पास नहीं है। बीडीओ का कहना था कि गांव में पेयजल के हालात बिगडने पर उसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जायेगी।
जल संरक्षण के लिये आठ तालाबों का चयन
ब्लाक कर्मियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जल संरक्षण के तहत मऊरानीपुर ब्लाक के आठ तालाबों का चयन किया गया है। जिसमें मनरेगा के तहत गहरीकरण किया जाना है। खंदरका, भण्डरा, बडागांव, पठा, बसरिया, लारौनी, चुरारा, बचेरा ग्रामों के तालाबों का चयन किया गया है।
9 गांव पानी समस्याग्रस्त चुने गये
तहसील क्षेत्र के 153 ग्रामों की तहसील के पास जो सूची है, उसके अनुसार 5339 हैंडपंप लगे हुये हैं, जिनमें से 4034 हैंडपंप चालू, 1305 हैंडपंप खराब दिखाए गए हैं। ज्यादातर गांवों की पेयजल व्यवस्था फिलहाल ठीक बतायी गयी है। लेकिन बंगरा ब्लाक के 9 गांव चिन्हित किये गये हैं, जहां पर पेयजल की समस्या है। जिसके निवारण हेतु माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। उपजिलाधिकारी राजमुनि यादव ने बताया कि जावन, संतपुरा, सकरार, खिसनी बुजुर्ग, खिसनी खुर्द, कनौरा, मगरपुर, निनौरा, बगरौनी को पेयजल समस्याग्रस्त ग्राम में चयन किया गया है। जहां पर टैंकरों से जलापूर्ति किये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
हैंडपंप सही कराने के लिये नहीं हैं पैसा
ग्रामीण क्षेत्रों में दूर-दूर तक कहीं पानी नजर नहीं आता है। मार्गों पर लगे तमाम हैंडपंप जबाब दे चुके हैं। प्रधान चुने जाने के बाद शुरूआती दौर में गांव के हैंडपंपों को सही कराने का काम प्रधानों ने निजी श्रोतों से किया। जब खातों में मरम्मत कराने के लिये धनराशि नहीं मिली, तो हैण्डपंपों को सही कराने का काम रोक दिया गया।