मनोरंजन नहीं साधना है संगीत और कला

मनोरंजन नहीं साधना है संगीत और कला


संस्कार भारती ने किया वरिष्ठ कला गुरुओं का सम्मान


ग्वालियर, न.सं.। संगीत एवं कला मनोरंजन या व्यवसाय नहीं अपितु साधना है। संगीत एवं कलाएं मनुष्य जीवन के लिए श्रेष्ठ कृति हैं, इसलिए कला साधकों का सम्मान समाज का नैतिक दायित्व है। यह बात रविवार को उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जयभान सिंह पवैया ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्र में संस्कार भारती महानगर द्वारा आयोजित नटराज पूजन एवं वरिष्ठ कला गुरु सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में फिल्म अभिनेता एवं संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत भोपाल के अध्यक्ष राजीव शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कार भारती मध्य क्षेत्र के अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रधान ने की। इस अवसर पर संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष अतुल अधौलिया विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में संगीत क्षेत्र से प्रो. स्वतंत्र शर्मा, साहित्य क्षेत्र से अनिल सरोदे, नाट्य क्षेत्र से यतीन्द्र चतुर्वेदी एवं चित्रकला क्षेत्र से डॉ. वासंती जोशी को उनके शिष्यों ने पैर धोकर गुरु पूजन किया। इस मौके पर राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. स्वतंत्र शर्मा को शास्त्रीय संगीत, अनिल सरोदे को साहित्य, सहायक केन्द्र निदेशक आकाशवाणी यतेन्द्र चतुर्वेदी को नाट्य एवं डॉ. वासंती जोशी को चित्रकला के क्षेत्र में अतिथियों द्वारा शॉल श्रीफल एवं सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि श्री पवैया ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पादपूजन से बड़ा कोई सम्मान नहीं है। पादपूजन से श्रेष्ठ पुरुषों के सत्कर्मों की ऊर्जा का हस्तांतरण होता है। उन्होंने इस मौके पर दोहराया कि विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करने के मकसद से प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही महापुरुषों से प्रेरणा लेने के लिए शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद एवं बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र लगाने का फैसला भी सरकार ने किया है।
कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता श्री वर्मा ने कहा कि मंच पर बोलना और अभिनय करने में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि आज स्कूल व कॉलेजों में हो रहे गायन व फैशन शो जैसे विदेशी कार्यक्रमों पर पूरी तरह रोक लगना चाहिए। हमें यहां की संस्कृति की जरूरत है। विदेशों की संस्कृति यहां लाने की जरूरत नहीं है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण नगर अध्यक्ष डॉ. सी.पी. गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम का संचालन दिनेशचन्द्र दुबे ने एवं आभार प्रदर्शन राजेन्द्र वैद्य ने किया।
नवीन कार्यकारिणी घोषित
कार्यक्रम के अंत में संस्कार भारती की नवीन कार्यकारिणी की घोषणा शैलेन्द्र प्रधान द्वारा की गई, जिसमें डी.एस. चंदेल अध्यक्ष, उमाशंकर कुलश्रेष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष, राजेन्द्र वैद्य महामंत्री, बृजकिशोर दीक्षिक कोषाध्यक्ष, नरेश अहिरवार चित्रकला संयोजक, जितेन्द्र गोयल सह महामंत्री, आशीष अग्रवाल मीडिया प्रभारी, दिनेशचन्द्र दुबे एवं तनिमा अधौलिया विशिष्ठ आमंत्रित सदस्य नियुक्त किए गए हैं।

समय के साथ साहित्य व सिनेमा का रंग बदल जाता है
छोटे पर्दे पर कई वर्षों से अपने अभिनय से आमजन को अभिभूत कर रहे अभिनेता राजीव वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नाटकों की निरन्तरता बनाए रखें। उन्होंने कहा कि समय के साथ साहित्य, सिनेमा का रंग बदल जाता है, यही इसका नयापन है। पहले परिवार को लेकर फिल्में बना करती थी। अब भी बन रही हैं, लेकिन वैरायटी बढ़ गई है। कई फिल्मों चलते-चलते, निश्चय, मैंने प्यार किया, कच्चे धागे जैसी अच्छी फिल्मों में अभिनय करने वाले और फिर इसके बाद छोटे पर्दे के लोकप्रिय धारावाहिकों छोटी बहू, हिना, चुनौती आदि में सशक्त भूमिका अदा करने वाले अभिनेता राजीव वर्मा रविवार को संस्कार भारती द्वारा आयोजित वरिष्ठ कला गुरू सम्मान समारोह में शामिल होने ग्वालियर आए हुए थे।

संगीत विवि के छात्राओं ने दी मनमोहक प्रस्तुति
कार्यक्रम में प्रो. रंजना टोणपे के नेतृत्व में संगीत विश्वविद्यालय के छात्रों ने दादरा एवं कजरी की मनमोहक प्रस्तुति प्रस्तुत दी। छात्रों ने सजनी छाई घटा घनघोर..., सावन झार लागे....की मनमोहक प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

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