चाय की केतली से परोस रहे हैं यात्रियों को मीठा जहर
ट्रेनों में नहीं थम रही अवैध वेंडरों की आवाजाही, वेंडरों का सामान्य और स्लीपर कोचों में कब्जा
ग्वालियर| ट्रेनों पर पूरी तरह से अवैध वेंडरों का कब्जा हो चला है। ट्रेन आते ही अवैध वेंडर उस पर गिद्धों की तरह टूट पड़ते हैं। स्टेशनों पर अवैध वेंडरों की मनमानी पहले से चली आ रही है, लेकिन 6 माह से इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। हालत यह है कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर ही 60 से ज्यादा अवैध वेंडर सक्रिय हैं। इन वेंडरों का कब्जा सिर्फ सामान्य कोचों में ही नहीं बल्कि स्लीपर कोचों में भी रहता है।
इन वेंडरों की वजह से यात्रियों को काफी सतर्क रहने के साथ-साथ परेशानी झेलनी पड़ रही है। आरपीएफ अधिकारी दावा करते हैं कि चैन पुलिंग करने वाले, अवैध वेंडरों, महिला कोच में पुरुष यात्रियों के यात्रा करने के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है और कार्रवाई भी की जाती है।
आगरा से चलने वाली आगरा झांसी पैसेंजर, पंजाब मेल, छत्तीसगढ़ आदि एक्सप्रेस ट्रेनों में अवैध वेंडरों का कब्जा है, जिसमें बच्चे, बूढ़े और महिला वेंडर शामिल हैं। यह वेंडर बेरोक-टोक ट्रेनों में अपने-अपने सामानों को बेचते-बेचते ग्वालियर पहुंच जाते हैं और फिर ग्वालियर से अपने-अपने मूल स्टेशन पर लौटते हैं।
सुरक्षा तंत्रों के संरक्षण में वेंडर
रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में इस समय अवैध वेंडरों की घुसपैठ धड़ल्ले के साथ हो रही है। सुरक्षा तंत्रों के संरक्षण में पल रहे अवैध वेंडर मानक के विपरीत अन्य सामग्रियों के साथ -साथ चाय की केतली से मीठा जहर भी यात्रियों को परोस रहे हैं। इन अवैध वेंडरों को ग्वालियर से मुरैना, मुरैना से धौलपुर, धौलपुर से आगरा की सभी ट्रेनों में देखा जा सकता है।
रात्रि नौ बजे से सुबह आठ बजे तक करते हंै व्यापार
अवैध वेंडर स्टेशन पर रात्रि 9 बजे से सुबह 8 बजे तक बेखौफ अपना व्यापार करते नजर आते हैं, जो कहीं न कहीं रेलवे सुरक्षा तंत्रों के संरक्षण पर ही चल रहा है। इन अवैध वेंडरों को निर्धारित प्लेटफार्मों पर लगाने के लिए बकायदे ठेकेदार भी लगे रहते हैं। सूत्रों की माने तो गुटखा, पान, ब्रेड, नमकीन, बिस्कीट बेचने वाले अवैध वेंडरो से प्रतिदिन सत्तर रुपये वसूला जाता है। जबकि ट्रेनों में चाय की केतली, फल, कोल्ड ड्रिंक्स आदि खाद्य सामग्रियां बेचने वाले अवैध वेंडरो से एक से दो हजार रुपये प्रतिदिन वसूला जाता है।
खाद्य सामग्री की गारंटी नहीं
अवैध वेंडरों से जो खाद्य सामग्री यात्रियों को मिलती है, वह अच्छी है या दूषित ,इसकी कोई गारंटी नहीं होती। इनके दाम भी निर्धारित से ज्यादा होते हैं। मुरैना और बिरला नगर स्टेशन पर तो छोटे-छोटे बच्चे पानी की पुरानी बोतलों में दोबारा नलों का ठंडा पानी भरकर आधे दामों में बेचते नजर आते हैं।