चीन की वजह से लटकी भारत की हाई स्पीड ट्रेन परियोजना
नई दिल्ली। दक्षिण भारत में एक महत्वाकांक्षी उच्च गति ट्रेन परियोजना चीनी रेलवे की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आने की वजह से अटकी पड़ी है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि प्रतिक्रिया में कमी का कारण डोकलाम विवाद हो सकता है।
रेलवे की नौ उच्च गति परियोजनाओं की स्थिति पर मोबिलिटी निदेशालय की एक आंतरिक जानकारी मिली है। इससे पता चलता है कि 492 किलोमीटर लंबा चेन्नई-बेंगलुरु -मैसूर गलियारा अधर में लटका है, क्योंकि चीनी रेलवे ने मंत्रालय की ओर से भेजी गई शासकीय सूचना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मोबिलिटी निदेशालय द्वारा तैयार किए गए नोट में कहा गया है, चीनी कंपनी ने नवंबर 2016 में अंतिम रपट सौंपी थी और उसके बाद चीन की एक टीम ने आमने-सामने बातचीत का सुझाव दिया था। बातचीत के लिए तारीख निश्चित नहीं गई थी। नोट में परियोजना में विलंब का कारण चीनी रेलवे की ओर से प्रतिक्रिया की कमी को बताया गया है। सूचना में यह भी कहा गया है कि चीन रेलवे एरीयुआन इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड (सीआरईईसी) ने व्यवहार्यता अध्ययन की रपट नवंबर 2016 में रेलवे बोर्ड को सौंप दी थी और बैठक की मांग की थी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड सीआरईईसी के संपर्क में नहीं है। पिछले 6 महीने में उन्हें कई मेल संदेश भेजकर संपर्क करने की कोशिश की गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि हमने उनसे दूतावास के जरिए भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है।