योगी बोले - जनरक्षा यात्रा वामपंथी और पश्चिम बंगाल की सरकार के लिए आईना
कन्नूर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को केरल के कन्नूर पहुंचे और जनरक्षा यात्रा में शामिल हुये। भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्याओं के खिलाफ निकाली जा रही इस जनरक्षा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुये।
इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज की यह यात्रा केरल और त्रिपुरा की वामपंथी और पश्चिम बंगाल की सरकार के लिए आईना है ताकि वह अपने कृत्यों पर पश्चाताप कर सकें। उन्होंने कहा कि केरल में भाजपा और आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं।
योगीआदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। केरल में मुख्यमंत्री के ही गृह जिले में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हुई है। यहां की सरकार ने हिंसा को प्रश्रय देकर एक जिहादी आतंक का माहौल तैयार किया गया है जिसका विरोध करने के लिए यहां आया हूं।
इस यात्रा का आगाज कल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने किया था। यह यात्रा 15 दिन चलेगी और पहले दिन शाह ने स्वयं नौ किलोमीटर की पदयात्रा की थी। इसके बाद आज बुधवार को योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे। इससे पहले उन्हें केरल के कसारागोड पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं जनरक्षा यात्रा में पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के भी आगे शामिल होने की सम्भावना है। योगी आदित्यनाथ भाजपा की ओर से यहां पहुंचने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं।
दरअसल योगी आदित्यनाथ ही छवि एक ऐसे राजनेता के तौर पर रही है जो हिन्दुत्व के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। पांच बार लगातार सांसद रहने वाले योगी आदित्यनाथ ने हिन्दु युवा वाहिनी संगठन भी खड़ा किया है। यहां तक की योगी इसके संगठन के बैनर तले चुनाव में प्रत्याशी तक उतार चुके हैं। पूर्वांचल में इस संगठन की अच्छी पैठ मानी जाती है। केरल में जिस तरह से भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता वामपंथी हिंसा का शिकार का हो रहे हैं, ऐसे में भाजपा नेतृत्व का योगी आदित्यनाथ को सामने लाना दूरगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी इससे न सिर्फ वामपंथी हिंसा का आम जनता के सहयोग से विरोध दर्ज करा रही है, बल्कि हिन्दुत्व के मुद्दे को धार देने की भी कोशिश में है। पार्टी रणनीतिकारों को लगता है कि इससे केरल में उसकी सियासी जमीन भी अंकुरित हो सकेगी। योगी आदित्यनाथ के जरिये हिन्दुत्व को उभारने और तुष्टीकरण को नकारने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही इस यात्रा के जरिए भाजपा ने सीधे तौर पर केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन को चुनौती दी है। दरअसल पेयनूर विजयन का गृह क्षेत्र है माकपा का सबसे मजबूत गढ़ भी माना जाता है। अकेले इस जिले में ही भाजपा और आरएसएस के 84 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। जबकि भाजपा नेताओं के मुताबिक 120 से ज्यादा लोगों की वामंपथी कार्यकर्ता हत्या कर चुके हैं। अमित शाह ने जिस तरह से यहां अपनी यात्रा की शुरूआत की, उससे साफ सन्देश दिया गया है कि भाजपा अब वामंपथी हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने के पक्ष में नहीं है।
जनता के बीच जाकर इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से रखा जायेगा जिससे पार्टी और वैचारिक संगठन से जुड़े लोगों का हौसला भी बढ़ सके। इसीलिए अमित शाह ने मंगलवार को बयान दिया था कि ’विजयन जी जितना हिंसा का कीचड़ फैलाओगे, कमल उतना ही खिलकर सामने आने वाला है।’ भाजपा की जनरक्षा यात्रा को लोगों का अपार समर्थन भी मिल रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी इस समर्थन के जरिए वाम दलों को कड़ी चुनौती पेश करेगी।