जब राह चलते बुजुर्ग ने दो घंटे तक संभाली ट्रैफिक व्यवस्था
-नदी गेट पर जाम में फंसे रहे वाहन ,पुलिस रही नदारद, लोग होते रहे परेशान
ग्वालियर। नदी गेट चौराहा... सबसे अव्यवस्थित व व्यस्त चौराहों में शामिल। यहां दिन में सैकड़ों बार ट्रैफिक जाम होता है। बुधवार दोपहर तीन बजे भी ऐसा ही हुआ। तभी लगभग 60 साल के एक बुजुर्ग चौराहे पर पहुंचे और ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाली। तीन तरफ से वाहनों को रोककर एक तरफ से ट्रैफिक खुलवाया। शाम 5 बजे तक वे यही मशक्कत करते रहे।
वृद्ध के इस नेक काम की किसी राहगीर ने सराहना की तो कोई उसके द्वारा की गई व्यवस्था को बिगाड़ता नजर आया। दूसरों की परेशानी दूर करने वाले ये शख्स हैं सामाजिक कार्यकर्ता एम एल अरोरा। बुधवार की दोपहर नदी गेट पर अचानक वाहनो की आवाजाही बढ़ने से तथा वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिकसिंग्नल का उल्लंघन करने से यातायात व्यवस्था बिगड़ गई और जाम लग गया। तभी इंदरगज में कारोबार करने वाले व्यापारी लक्ष्मीबाई कॉलोनी निवासी एमएल अरोरा भी अपने वाहन के साथ जाम में फंस गए। सड़क पर जाम लगा था और यातायात पुलिस गायब थी । यह नजारा देख श्री अरोरा ने अपना वाहन सड़क किनारे खड़ा किया और सड़क के बीच में आकर यातायात पुलिस के जवान की तरह जाम खुलवाने का प्रयास शुरू किया। करीब दो घंटे तक यह वृद्व सड़क पर लगा जाम खुलवाने में व्यस्त रहा। इस दौरान कई वाहन चालको ने श्री अरोरा के इस काम की सराहना की तो कुछ वाहन चालक उनके द्वारा की जा रही व्यवस्था को बिगाड़ते नजर आए। जब श्री अरोरा से इस नेक काम के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक नागरिक इसी तरह प्रयास करे तो महानगर की दशा सुधर सकती है। बाद में जब जाम खुल गया तब श्री अरोरा अपना वाहन लेकर घर की ओर चल दिए। श्री अरोरा ग्वालियर यातायात थाने में वार्डन कमेटी के साथ महिला थाने में काउंसलिंग भी करते हैं।
बुजुर्ग के पहुंचते ही सिग्नल हुए चालू
नदीगेट पर आए दिन ट्रेफिक सिग्नल खराब होते रहते हैं। साथ ही यातायात पुलिस भी गायब रहती है। जिसके चलते आए दिन जाम की स्थिति बनती है। बुधवार को भी सिग्नल खराब होने की वजह से जाम की स्थिति पैदा हुई। लेकिन जब श्री अरोरा ने यातायात की व्यवस्था संभाली, तो कुछ ही देर में सिग्नलों को कर्मचारियों द्वारा ठीक कराया गया।
यातायात पुलिस रही गायब
बुधवार को दोपहर 3.30 बजे से शाम 5 बजे तक यातायात पुलिस पूरी तरह गायब रही। जिसके चलते वाहन चालक अपनी मनमर्जी से नियमों को चला रहे थे। लेकिन जब श्री अरोरा ने यातायात की व्यवस्था संभाली तो कई वाहन चालकों ने उनकी सराहना की।