उत्तर प्रदेश में हाईटेक हुए गन्ना किसान
गोरखपुर। गन्ना किसानों को अब सप्लाई टिकट में लिए समितियों और चीनी मिलों में दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। वजह, योगी सरकार ने इन्हें हाईटेक बनाना शुरू कर दिया है। अब वे अपने गन्ने की सप्लाई बिना पर्ची मिले ही तौल करवाने लगे हैं। एक एसएमएस के आधार पर किसान की पहचान पत्र देखकर गन्ने की तौल को सुनिश्चित की गई है। सरकार की इस नई व्यवस्था से गन्ना किसानों के चेहरे की मुस्कान खिल गई है। कयास लगाया जा रहा है कि चीनी मिल भी फायदे में रहेंगे। ताजे गन्ने की पेराई कर चीनी मिलें अपनी रिकवरी भी बढ़ा सकेंगे।
अंग्रेजी शासनकाल से स्थापित चीनी मिलों में गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों को सप्लाई पर्ची दिखाकर तौल करवाने की व्यवस्था लागू की गई थी। देश को आजादी मिलने के बाद भी यह व्यवस्था चलती रही। पिछले वर्ष तक इसी व्यवस्था के आधार पर किसान अपनर गन्ने की तौल कराते रहे हैं, लेकिन योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गन्ना किसानों को राहत देते देने का काम किया है। अब यह व्यवस्था बदल गयी है। नई व्यवस्था के मुताबिक समितियों और चीनी मिलों में रजिस्टर्ड गन्ना किसानों को एसएमएस द्वारा गन्ना तौल की जानकारी दे जा रही है। इस एसएमएस को दिखाकर किसान अपने गन्ने की तौल करवा सकते हैं। सिर्फ उन्हें अपनी पहचान पत्र साथ लानी होगी।
इस व्यवस्था में पूर्व किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सप्लाई टिकट गुम होने पर किसानों को डुप्लीकेट सप्लाई टिकट के लिए समितियों और चीनी मिलों के दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता था। अब इस समस्या से इन्हें निजात मिल गयी है। हम इसे यूं भी कह सकते हैं कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों को हाईटेक बनाना शुरू कर दिया है।
एसएमएस के साथ दिखानी है आईडी
गन्ना किसानों के मोबाइल नम्बर और उनके कृषक कोड चिनी मिल और गन्ना समितियों में फीड है। सप्लाई टिकट निर्गत होते ही चीनी मिल और गन्ना समितियां इन किसानों को एसएमएस से गन्ना तौल की जानकारी दे रहीं हैं। इस एसएमएस के साथ संबंधित किसान को सिर्फ अपनी आईडी दिखानी पड़ रही है। इसी आधार पर तौल हो रहा है।
बोले डिप्टी केन कमिश्नर
इस संबंध में देवरिया के डिप्टी केन कमिश्नर राजीव राय का कहना है कि गन्ना किसानों को हाईटेक किया जा रहा है। इसमें चीनी मिलों का सहयोग भी मिल रहा है। चीनी मिलों को निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के मुताबिक संबंधित किसान के मोबाइल पर पहुंचे एसएमएस के साथ किसान को अपनी पहचान पत्र दिखानी है। तौल हो जाएगी।