छत्तीसगढ़ और ओडिशा में यूरेनियम का बड़ा भंडार होने की संभावना
रायगढ़। राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद की ओर से किए गए हेलीबॉन सर्वे में रायगढ़ के जामगांव, सरिया, सारंगढ़ और ओडिशा से सटे इलाके में बड़ी मात्रा में यूरेनियम होने की जानकारी मिली है। फिलहाल सर्वे के बाद टीम लौट गई है। इसकी रिपोर्ट परमाणु ऊर्जा विभाग को सौंपी जाएगी। जिले में हीरे के सर्वेक्षण के बाद दिसम्बर और जनवरी में राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद की ओर से 61 किलोमीटर के वृत्त में हेलीबॉन सर्वे किया गया। इसमें 250 वर्ग किमी के क्षेत्र में यूरेनियम का भंडारण होने का खुलासा हुआ है। इसके अलावा ओडिशा को भी इसी क्षेत्र में शामिल किया गया है। इसमें बरगढ़ और सुंदरगढ़ जिले शामिल हैं। यहां के जंगली इलाके में यूरेनियम के भंडार होने की जानकारी मिली है। सर्वे टीम अब अपनी रिपोर्ट परमाणु ऊर्जा विभाग को सौंपेगी। सूत्रों ने यूरेनियम मिलने की पुष्टि की है लेकिन अधिकारिक रूप से बताने को तैयार नहीं हैं।
यह सर्वेक्षण पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में एक साथ किया जा रहा है। झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ का यह पूरा क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़ा है जहां यूरेनियम की खोज की जा रही थी। यह सर्वे 17 अप्रैल तक चलेगा। प्रथम चरण में हवाई सर्वे किया जाता है जिसे हेलीबॉन सर्वे कहा जाता है। इसमें हेलिकॉप्टर में मैग्नेटोमीटर के जरिए डाटा संग्रहण किया जाता है। इसके बाद भू-सर्वेक्षण किया जाता है जिसमें सिंटेलोमीटर के जरिए जमीन के नमूने लिए जाते हैं। परमाणु ऊर्जा संस्थान द्वारा सबसे पहले जमीन की रेडियाधर्मिता का आंकलन कर स्पष्ट किया जाता है कि यहां यूरेनियम का भंडार है या नहीं। रेडियोधर्मिता व भौतिकीय परिस्थितियों के आंकलन के बाद परमाणु ऊर्जा अन्वेषण संस्थान इसमें आगे की कार्रवाई करता है। यूरेनियम का उपयोग ऊर्जा और परमाणु हथियार में होता है। हालांकि देश में यूरेनियम का उपयोग गैर परंपरागत ऊर्जा के उत्पादन के लिए किया जाता है। देश में परमाणु ऊर्जा विद्युत उत्पादन के पांच केंद्र हैं।