मै कदम नही रुकने दूंगा.........

मै कदम नही रुकने दूंगा.........

वीरत्व

मै कदम नही रुकने दूंगा,

मै शीश नहीँ झुकने दूंगा,
कर कर के लोहे सा प्रहार,
अंतिम प्रहर ,मै निश्चित होऊंगा।
मै कदम नही रुकने दूंगा,
मै शीश नही झुकने दूंगा।
मै दम्भ तोड़ दूंगा अपार,
मै छिन्न करूँगा अन्धकार,
धारा की बनकर हुंकार,
मै नित नया जग रच दूंगा ।
मै कदम नही रुकने दूंगा ,
मै शीश नहीं झुकने दूंगा ।
जो हुआ है पथ से पथ-भ्रमित,
जो नही हुआ अभी संतृप्त,
उसको उसका मै हठ दूंगा,
मैं कदम नही रुकने दूंगा,
मै शीश नही झुकने दूंगा ।
***
लेखक
नीरज सारस्वत
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