जयारोग्य अस्पताल: मरीजों को लूटने का खोजा नया तरीका, पहले दान दो फिर होगी छुट्टी

जयारोग्य अस्पताल: मरीजों को लूटने का खोजा नया तरीका, पहले दान दो फिर होगी छुट्टी
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नर्सिंग छात्रों से सांठगांठ कर चिकित्सक कर रहे मरीजों से वसूली
ग्वालियर|
अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय में जहां मरीजों को उपचार के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर इन दिनों चिकित्सकों द्वारा मरीजों आर्थिक शोषण किया जा रहा है। अस्पताल में अधिकतर गरीब व कमजोर वर्ग के मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, जिन्हें चिकित्सकों द्वारा कई तरह से लूटा जाता है। लेकिन इस बार कुछ चिकित्सकों ने अस्पताल में प्रशिक्षण ले रहे नर्सिंग छात्रों के साथ सांठगांठ कर मरीजों को लूटने का एक ऐसा तरीका अपनाया है, जिससे कई मरीज लुट रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन लुटेरे चिकित्सकों पर कोई लगाम नहीं कस पा रहा है। जिसके चलते एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक मरीज से जबरदस्ती दान के नाम पर पैसे देने की बात कही गई और जब मरीज ने पैसे न होने की बात कही तो उसकी छुटट्ी करने से मना कर दिया गया। जिसकी शिकायत अस्पताल के सहायक अधीक्षक से की गई।

जानकारी के अनुसार सर्जरी विभाग के वार्ड-1 में विगत दिवस सबलगढ़ निवासी फेरन सिंह ने अपने पिता पातीराम को आॅपरेशन के लिए भर्ती कराया था। जहां आॅपरेशन व उपचार के दौरान मरीज से पूरी दवा बाहर से मंगाई गई, जबकि मरीज के पास गरीबी रेखा का कार्ड भी था। इतना ही नहीं गुरूवार को जब पातीराम की छुटट्ी हुई तो वहां उपस्थित दयाल नर्सिंग महाविद्यालय के छात्र आकाश शर्मा ने फेरन सिंह से अस्पताल में डेढ़ हजार रूपए दान करने की बात कही। लेकिन फेरन सिंह उपचार के लिए सिर्फ पांच हजार रूपए ही लेकर आए थे, जो उपचार के दौरान खत्म हो चुके थे। जिसके चलते फेरनसिंह ने दान देने में असर्मथता जताई। फेरनसिंह द्वारा पैसे नहीं दिए जाने पर वहां उपस्थित स्टॉफ द्वारा छुटट्ी करने से मना करते हुए चिकित्सक का इंतजार करने की बात कही गई। जिस पर फेरनसिंह ने कहा कि उन्हें अपने गांव जाना है, उनकी छुट्टी कर दी जाए, लेकिन स्टॉफ नहीं माना और छुटट्ी नहीं की गई। मरीज की छुटट्ी और पैसे मांगने की शिकायत सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया से की, शिकायत मिलने पर डॉ. नरवरिया तत्काल वर्कशॉप प्रभारी अतर सिंह के साथ वार्ड में पहुंचे और नर्सिंग छात्र सहित स्टॉफ नर्स को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर मरीज अस्पताल में दान देता है, तो वह अपनी इच्छा से देता है, तुम कौन होते हो इस तरह मरीजों से जबरदस्ती दान के नाम पर पैसे मांगने वाले। इसके साथ ही डॉ. नरवरिया ने अतर सिंह से छात्र का नाम लिखने की बात कहते हुए वहां से निकल गए। इतना ही नहीं डॉ. नरवरिया जैसे ही वार्ड से निकले तो वहां उपस्थित स्टॉफ नर्स ने अतर सिंह के हाथ से पर्चा छीन लिया, जिस पर चन्दा मांगने वाले छात्र का नाम लिखा था और कहने लगी कोई कार्रवाई नहीं होना चाहिए, मैं देख लूंगी। इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब डॉ. नरवरिया वार्ड में पहुंचे तो ड्यूटी पर उपस्थित जूनियर चिकित्सक छात्र को बचाने के लिए उसकी तरफ से सफाई देने लगे, जिससे विदित होता है कि किस तरह चिकित्सकों की सांठगांठ में मरीजों को लूटा जा रहा है।

सर्जरी विभाग में ही होते हैं सबसे ज्यादा मामले
जयारोग्य चिकित्सालय के सर्जरी विभाग में यह पहला मामला नही है, इससे पहले भी चिकित्सकों द्वारा मरीजों के साथ मारपीट व अभद्र व्यवहार करने के कई मामले सामने आ चुके हैं, इतना ही नहीं सर्जरी विभाग से कई चिकित्सकों द्वारा मरीजों को निजी चिकित्सालयों में भी शिफ्ट किया जाता है। जिसके कई मामले सामने आ चुके हैं।

महिला के साथ की अभद्रतामरीज को भेजा दवा लेने
सर्जरी विभाग में आए दिन नए-नए मामले सामने आते हैं, वार्ड में जब अन्य मरीजों से बात की गई तो कई मरीजों ने अपनी पीड़ा सुनाई। मकसूदी बाई ने बताया कि विगत दिवस उनके अपने बेटे इरफान को सर्जरी विभाग में आॅपरेशन के लिए भर्ती किया था। भर्ती के दौरान चिकित्सकों द्वारा उनके बाहर से एनीमिया दवा लाने की बात कही गई, लेकिन वह नहीं ला सकी। जिस पर वहां उपस्थित चिकित्सक अयोन शर्मा ने उनके साथ अभद्रता करते हुए चांटा मारने तक की बात कह डाली। इतना ही नहीं चिकित्सकों को मरीज पर भी दया नही आई और दवा लेने के लिए भर्ती मरीज इरफान को ही दवा स्टोर पर दवा लाने के लिए भेजा गया। जबकि मरीज के पास गरीबी रेखा का कार्ड भी था।

इनका कहना है
‘‘मुझ से उपस्थित स्टॉफ द्वारा जबरदस्ती डेढ़ हजार रूपए दान करने की बात कही गई, जबकि मेरे पास पैसे नहीं थे और जब मैंने पैसे देने से मना कर दिया तो मेरे साथ स्टॉफ द्वारा अभद्रता की गई। जिसकी शिकायत मैने सहायक अधीक्षक से की है।’’

फेरनसिंह,
मरीज का बेटा

‘‘मुझे जैसे ही शिकायत प्राप्त हुई थी, तो में खुद वार्ड में पहुंचा और संबंधित छात्र के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए दयाल महाविद्यालय में नोटिस भेजा है, साथ ही छात्र को अस्पताल में प्रशिक्षण लेने के लिए मना कर दिया गया है। इस तरह की शिकायत को अस्पताल प्रबंधन कतई भी बर्दाश्त नहीं करेगा और जानकारी मिलते ही ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी।’’

डॉ. जितेन्द्र नरवरिया
सहायक अधीक्षक, जयारोग्य

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