उप्र चुनाव की मतगणना के बाद बनेगी प्रदेश कांग्रेस की रणनीति

भोपाल|मध्य प्रदेश विधानसभा में नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह उपनाम राहुल भैया ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों से अवगत कराया। राहुल भैया के रविवार को वापस लौटेते ही भोपाल में कांग्रेसियों के मिलने-जुलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि राहुल भैया दिल्ली से पार्टी उपाध्यक्ष का संदेश लेकर लौटै है। कयासबाजी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों की 11 मार्च को होने वाली मतगणना पर कांग्रेस नेताओं की नजरें टिक गई हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में कार्यकर्ता इस समय देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहे हैं। बहुत कुछ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर निर्भर है कि उन्हें अपना भाग्य कहां आजमाना है? उत्तर प्रदेश में पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में है। पार्टी सपा के साथ सत्ता में वापसी करती है तो उसका भाव मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ेगा।

हालांकि अगले साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस ने अभी से जुगत बिठानी शुरू कर दी है। जिसमें सबसे तगड़ा मुकाबला उसका मध्य प्रदेश के ताकतवर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से होना है।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में जो विरासत सौंपी थी उससे जनता ने ऐसा सबक सिखाया कि वे खुद प्रदेश से तड़ीपार नजर आ रहे है पार्टी भी जनाधार खो रही है। विधानसभा, लोकसभा चुनावों की बात तो दीगर है, स्थानीय चुनावों में भी कांग्रेस खुद का विश्वास अर्जित नहीं कर पा रही है। हाल ही में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए दमदार नेताओं में शुमार अजय सिंह को मोर्चे पर लगाया गया है। पार्टी संगठन स्तर पर मजबूती प्रदान करने के लिए कोई दमदार चेहरा उतारने की सोच रही है।

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