मुख्यमंत्री तीर्थ पुरोहित विरोधी बयान पर माफ ी मांगें : महेश पाठक
-योगी के अमर्यादित बयान पर छेड़ा जायेगा देश व्यापी आन्दोलन
-तीर्थ पुरोहित महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया ऐलान
मथुरा। तीर्थ पुरोहित (पंडा समाज) के प्रति मंख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अमर्यादित टिप्पणी की निंदा करते हुये अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने मुख्यमंत्री से अपने बयान पर खेद व्यक्त करने की अपील करते हुये चेतावन दी है कि अन्यथा की दशा में देश व्यापी आन्दोलन की रणनीति तैयार की जायेगी।
मीडिया से मुखातिब श्री पाठक ने कहा कि 11 जून को मथुरा में महासभा के समस्त पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक में तीर्थ पुरोहितों के साथ परामर्श से योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर देशव्यापी आन्दोलन की रणनीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि ब्राह्मणों को कमजोर समझ रहे हैं तो ये उनकी भूल है।
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि तीर्थ पुरोहित अपने यजमानों से कई पीढिय़ों से जुड़े होते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ से अपने अमर्यादित के लिए मांफी मांगने की मांग की अन्यथा भाजपा की सरकारें ज्यादा दिन नहीं टिक सकेंगीं। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश जी पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा जिस पंडा समाज के विषय में ऐसी भाषा का प्रयोग किया गया है उन तीर्थ पुरोहितों के बिना विश्व विख्यात ब्रज चौरासी कोस की 40 दिवसीय यात्रा यजमान नहीं करता है। ये यजमान की श्रद्धा और अपने तीर्थ पुरोहित के प्रति आस्था का प्रतीक है कि आज भी यजमान तीर्थ स्थल पर आने से पूर्व अपने तीर्थ पुरोहित से अनुमति प्राप्त करता है। साथ ही बिना तीर्थ पुरोहित के सहयोग से वह तीर्थ स्थल पर पूजन कार्य भी नहीं करता है और अपनी बहुमूल्य वस्तुऐं भी अपने पंडा के घर पर रखता है और सम्पूर्ण पत्र व्यवहार भी अपने पंडा के पते पर ही करता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस पार्टी के जुड़कर मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे है उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी जब कभी मथुरा आते हैं तो यहां पर अपने तीर्थ पुरोहित पुरूषोत्तमलाल तिवारी (चतुर्वेदी) के माध्यम से ही पूजन कार्य सम्पन्न कराते हैं। यही नहीं पिछले दिनों भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बद्रीनाथ धाम की यात्रा और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा केदारनाथ धाम की यात्रा के दौरान वहां के तीर्थ पुरोहितों के माध्यक से ही पूजन किया था।
ज्ञात रहे कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा भी अपने तीर्थ पुरोहित के यहां छ: माह तक स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान मथुरा में रहे थे। शिवाजी महाराज भी अपने तीर्थ पुरोहित के यहां रहे थे। आज जो भी तीर्थ विद्यमान है उनको ख्याति वहां के तीर्थ पुरोहित के द्वारा ही मिली है। यह सब जानते हुए भी इस तरह का बयान यह दर्शाता है कि वह ब्राह्मण विरोधी है जबकि स्वयं मुख्यमंत्री एक मठ के मठाधीश हैं और उनके द्वारा तीर्थ पुरोहित या पंडागिरी को समाप्त किया जाये, कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पत्रकार वार्ता के में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवीन नागर, महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मुकेश स्वामी, महासभा के महावन शाखा के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा (गुड्डू), कृष्ण स्वरूप मिश्र महावन, गिरधारीलाल पाठक, राकेश तिवारी, योगेन्द्र चतुर्वेदी, कमल चतुर्वेदी, प्रदीप पाठक, संजीव चतुर्वेदी, अनिल चतुर्वेदी, मुकुन्दलाल चतुर्वेदी बैंक वाले, संजय एल्पाइन, मोहित चतुर्वेदी, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।