उत्तरप्रदेश में योगी सरकार का पहला बजट महिला और किसानों के नाम
लखनऊ। प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। साथ ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में लोक कल्याण का संकल्प लेते हुए अपना पहला बजट गांव, खेत, किसान के नाम किया है। बजट में 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का बंदोबस्त कर किसानों के फसली कर्ज माफ करने का रास्ता साफ कर दिया। खर्च बचाने की खातिर पिछली अखिलेश सरकार की शुरू की गई योजनाओं से मौजूदा सरकार ने तौबा कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट पेश किया और 55 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है।
हम आपको बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बीच योगी सरकार का पहला बजट राज्य के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने पेश किया। बजट की रकम पिछली अखिलेश सरकार की 2016-17 के बजट से 10.9 प्रतिशत ज्यादा है। अग्रवाल ने सदन में कहा कि बजट में प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण की राज्य सरकार द्वारा अदायगी किए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। लक्ष्य है कि अगले पांच साल में प्रदेश की विकास दर 10 प्रतिशत हो। साथ ही उन्होंने सदन को बताया कि पूर्वाचल एक्सप्रेसवे, पांच शहरों में मेट्रो, मेक इन यूपी, पावर फॉर ऑल समेत अन्य योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा और रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार जल्द ही टेक्सटाइल पॉलिसी लेकर आएगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि 55,781 करोड़ की नई योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं। किसान समृद्धि योजना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। संपर्क मार्गों के रखरखाव के लिए 250 करोड़ का बजट रखा गया है। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि को खाली कराया गया है। महिला सहायता के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि सब्जियों के उत्पादन-प्रबंधन के लिए 25 करोड़ का बजट रखा गया है, जबकि कानपुर, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर शहरों में मेट्रो का प्रस्ताव रखा गया है। मेट्रो रेल परिजयोजनाओं के लिए 288 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए 300 करोड़ का बजट, बुंदलेखंड की विशेष योजनाओं के लिए 200 करोड़ का बजट तथा पं.दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। साथ ही बता दें वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़, शहरों में मलिन बस्ती विकास के लिए 385 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
अग्रवाल ने बताया किया बेसहारा पशुओं के लिए कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना शुरू की जाएगी। बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 40 करोड़ का बजट दिया गया है जबकि वाराणसी, फैजाबाद, अयोध्या, नैमिषारण्य, चित्रकूट, विंध्याचल, कुशीनगर गोला गोकर्णनाथ, मथुरा, गोरखपुर, देवा शरीफ में बसअड्डों का उच्चीकरण किया जाएगा।
अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक माह की 25 तारीख को मातृत्व दिवस मनाया जाएगा तथा गर्भवती महिलाओं और 5 वर्ष तक के बच्चों को अतिरिक्त पुष्टाहार की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन के सौंदर्यीकरण, घाटों का पुनरुद्धार की योजना शुरू की जाएगी। अयोध्या में रामलीला का आयोजन फिर से शुरू किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर 1 लाख का अनुदान दिया जाएगा, जबकि सिंधु दर्शन के लिए 10 हजार प्रति व्यक्ति की योजना लाई जाएगी।
अग्रवाल ने बताया कि 33,200 पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी तथा पीएम आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़, वाराणसी संस्कृति केंद्र के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था तथा स्वच्छ भारत मिशन शहरों के लिए 1000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। और इससे पहले, सदन में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की निंदा की गई और मारे गए श्रद्धालुओं के प्रति संवेदना जताई गई।
मंगलवार को पूर्वाह्न् 11 बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा के विधायक सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए। बता दें कि विपक्षी दलों के सदस्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदस्यों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा 12.15 बजे तक स्थगित रखी। इससे पहले विधान परिषद की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे के चलते 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।