पिछ्ले दस महीनों में इतने हुए हादसे, सबक नहीं ले रहा रेलवे
रेलवे यात्रियों के लिए दिनों-दिन खतरे का सबब बनता जा रहा है। हादसों की लगातार बढ़ती संख्या और यात्रियों की मौतों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि रेल मंत्रालय आखिर इन हादसों से क्यों सबक नहीं ले रहा है। हर रेल हादसे के बाद जांच कमेटी गठित कर खानापूर्ति कब तक की जाएगी।
20 नवंबर, 2016-कानपुर के पास पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें करीब डेढ़ सौ यात्रियों को जान गंवानी पड़ी और करीब ढाई सौ यात्री घायल हो गये।
28 दिसंबर, 2016-कानपुर देहात के रूरा रेलवे स्टेशन के पास सुबह सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। जिसमें सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए और दिल्ली से आने वाली 20 से ज्यादा ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोका गया था।
20 फरवरी, 2017-दिल्ली जा रही कालिंदी एक्सप्रेस टूंडला जंक्शन पर डीरेल हो गई। यह हादसा इसलिए और भी भयानक था, क्योंकि इसमें सवारी और मालगाड़ी की आपस में टक्कर हुई थी। हादसे में तीन डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए थे, जिसमें तीन दर्जन यात्री घायल हो गये थे।
30 मार्च, 2017-महाकौशल एक्सप्रेस महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच पटरी से उतर गयी। जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह हादसा रात क़रीब दो से सवा दो बजे के बीच हुआ था।
15 अप्रैल 2017-मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे रामपुर के पास पटरी से उतर गये। जिसमें करीब एक दर्जन यात्री घायल हो गये थे।
21 मई 2017-उन्नाव स्टेशन के पास लोकमान्य तिलक सुपरफास्ट के आठ डिब्बे पटरी से उतर गये थे जिसमें 30 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
19 अगस्त 2017- मुज़फ्फ़रनगर ज़िले में कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गये। जिसमें करीब सौ यात्री घायल हुए और करीब 21 लोगों की मौत हो गई।
23 अगस्त 2017- रात करीब ढाई बजे औरेया जनपद के अछल्दा स्टेशन के पास कैफियत एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गये। जिसमें करीब 75 यात्रियों के घायल होने की सूचना आ रही है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल में हुए हादसे
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश प्रभु ने नौ नवंबर 2014 को रेलमंत्री का पदभार संभाला था। उसके बाद से अभी तक देश में कई बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
13 फरवरी 2015ः बंगलुरू सिटी-इर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन के नौ डिब्बे अनेकल के पास पटरी से उतर गए थे और नौ यात्रियों की मौत हो गई थी।
20 मार्च, 2015ः देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस रायबरेली के बछरावां के पास पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे।
4 अगस्त 2015ः मध्यप्रदेश में कुरावन और भृंगी स्टेशन के बीच कामायनी एक्स्प्रेस और जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी, 31 लोग मारे गए थे।
6 मई 2016: चेन्नई सेंट्रल-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस की एक अन्य ट्रेन से टक्कर हो गई, जिसमें करीब एक दर्जन लोग घायल हुए।
20 नवंबर 2016ः कानपुर के पास पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें कम से कम 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
22 जनवरी 2017ः आंध्र प्रदेश के विजयनगरम ज़िले में हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोग मारे गए।
7 मार्च, 2017: एमपी के जबरी रेलवे स्टेशन के पास को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम फटा, 10 लोग घायल हुए थे।
भदोही ट्रेन दुर्घटना : पिछले साल 25 जुलाई को भदोही में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से एक स्कूल वैन टकरा गई थी जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई थी।
मुरी एक्सप्रेस हुई हादसे का शिकार: साल 2015 में कौशांबी जिले के सिराथू रेलवे स्टेशन के पास मुरी एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इसमें 25 यात्री मारे गए थे और 300 घायल हो गए थे।