चीन ने चली नई चाल, डोकलाम क्षेत्र में बढाया गश्त
बीजिंग। चीन डोकलाम क्षेत्र में गश्त बढ़ायेगा लेकिन बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए सेना की तैनाती में बदलाव करेगा। हालांकि 73 दिनों तक भारतीय सेना के साथ गतिरोध का कारण बने सड़क निर्माण कार्य से पीएलए ने पीछे हटने का इरादा स्पष्ट नहीं किया है।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुआकिंग ने कहा, 'चीनी सेना अपने मिशन और जिम्मेदारियों को जारी रखेगी, डोकलाम क्षेत्र में अपने गश्ती दल और निगरानी तंत्र को मजबूत करेगी और राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा इंतजामों की रक्षा करेगी।' गुआकिंग ने मासिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बदलते जमीनी हालात के मद्देनजर सेना की तैनाती में बदलाव किया जाएगा हालांकि उन्होंने इस बदलाव के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
गौरतलब है कि तीन सितंबर से चीन में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन शुरू होने वाला है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष एवं सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा है कि डोकलाम में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर भारत की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति की विजय के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में एक विजेता की तरह चीन यात्रा पर जायेंगे।
चौहान ने कहा कि चीन ने बार-बार अनर्गल बयानबाजी करके भारत को धमकाने की कोशिश की, लेकिन यह प्रधानमंत्री का कुशल नेतृत्व ही है जिसने राष्ट्र की अस्मिता को सवोर्परि रखते हुए सीमा पर उसको एक कदम भी आगे नहीं बढ़ने दिया। भारत के धैर्य और पराक्रम की आज समूचे विश्व में प्रशंसा हो रही है, वहीं चीन की दादागिरी उपहास का पात्र बनी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी की दूरदृष्टि के कारण ही डोकलाम विवाद पर चीन दुनिया में अलग थलग पड़ गया और भारत को तमाम देशों का खुला समर्थन मिला। भारत ने यह भी जता दिया कि अपने पड़ोसी देशों के साथ उसकी जो प्रतिबद्धताएं हैं, उनको हर कीमत पर निभाया जायेगा। चौहान ने प्रधानमंत्री को चीन यात्रा के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की है कि वे 'इंडिया फर्स्ट' के अपने ध्येय पथ पर निश्चित ही सफल होंगे।