12 एंबुलेंस के भरोसे पूरा जिला
सीएमएचओ के निर्देश पर भी नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
ग्वालियर| प्रदेश में जिगित्सा हेल्थ केयर द्वारा संचालित आपातकालीन सेवा कही जाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा इन दिनों खुद वेन्टीलेटर पर है। खस्ता हाल एंबुलेंस मरीजों को जीवन देने की बजाय लोगों के लिए घातक सिद्ध हो रही हैं। इन दिनों पूरा जिला सिर्फ 12 एम्बुलेंस के ही भरोसे है। जबकि जिले में 15 एम्बुलेंस है। लेकिन इन 15 एम्बुलेंस में से तीन एम्बुलेंस बंद पड़ी हुर्इं हैं उसके बाद भी जिगित्सा हेल्थ केयर कम्पनी के खिलाफ स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कार्रवाई तो दूर की बात है, इन एम्बुलेंस की व्यवस्थाएं सुधारने तक के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। दरअसल विगत माह हजीरा पॉइंट की एम्बुलेंस क्रमांक एमपी 02 एवी 4921 की जांच सीएमएचओ डॉ. एस.एस. जादौन के निर्देशों पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कौरब ने की थी। इस दौरान सीएमएचओ के हेड ड्रायवर विनोद तिवारी ने एम्बुलेंस चला कर कहा था कि एम्बुलेंस की स्थिति टेम्पो से भी खराब है, श्री तिवारी ने यह भी कहा था कि एम्बुलेंस कन्डम हो चुकी है। इसलिए इस एम्बुलेंस में मरीजों को शिफ्ट करना खतरे से खाली नहीं है। इसी तरह हेड ड्राइवर विनोद तिवारी ने पिछोर की 108 एम्बुलेंस क्रमांक एमपी02 एवी-4656 चेक करते समय कहा था कि एम्बुलेंस की पूरी वायरिंग खुली पड़ी है, ऐसे स्थिति में एम्बुलेंस में कभी भी आग लग सकती है। इसलिए यह एम्बुलेंस आपको बंद कर देनी चाहिए। इस पर सीएमएचओ डॉ. जादौन ने संबंधित एम्बुलेंस को बंद करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश जिगित्सा हेल्थ केयर कम्पनी के जिला प्रभारी को दिए थे। जबकि बारादरी चौराहा पाइंट की एम्बुलेंस क्रमांक एमपी 02 एवी 6370 का गत माह 20 फरवरी को जौरासी घाटी पर एक्सीडेंट हो गया था। जिस कारण शहर में यह तीनों पॉइंट खाली पड़े हुए हैं और इन एम्बुलेंस की जगह आज दिन तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई। जिस कारण इन दिनों पूरा जिला सिर्फ 12 एम्बुलेंस के ही भरोसे है।
श्रम न्यायालय के आदेश भी नहीं माने
इंदौर श्रम न्यायालय ने पिछले दिनों जिगित्सा हेल्थ केयर कम्पनी को सभी कर्मचारियों को अक्टूबर वर्ष 2016 से ओवर टाइम का भुगतान सहित 8 घंटे ड्यूटी कराने के साथ ही निकाले गए कर्मचारी ब्रजेन्द्र तोमर व सुरेन्द्र कौशल को वापस रखने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी कम्पनी ने न तो कर्मचारियों को काम पर वापस बुलाया और न ही उनकी मांगे पूरी की।
प्रभारी ने रैफरल मरीजों को लेने से किया मना
जिगित्सा हेल्थ केयर कम्पनी के अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही यहीं नहीं थमती। डबरा पॉइंट एम्बुलेंस क्रमांक एमपी 02 एवी 6371 के चालक को निर्देश दिए है कि मरीजों को ग्वालियर लेकर नहीं जाएं। क्योंकि एम्बुलेंस में एजेंसी द्वारा डीजल ही नहीं डलवाया जा रहा है। एम्बुलेंस के जिला प्रभारी कामोद यादव ने एम्बुलेंस चालक को निर्देश दिए हैं कि संबंधित एम्बुलेंस सिर्फ डबरा के ही मरीजों के लिए जाए और रैफर केस न ले। जिस कारण डबरा से घायल मरीजों को खुद ही ग्वालियर अपने निजी वाहनों से आना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एम्बुलेंस में उधारी में डीजल डलाया जा रहा है और अब पेट्रोल पम्प चालक ने भी उधारी देने से इंकार कर दिया।