भारत का कपड़ा आयात 24 प्रतिशत बढ़ा
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नई दिल्ली| देश में कपड़े का आयात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 प्रतिशत बढ़ा जबकि पूरे वित्त वर्ष में 17 प्रतिशत सालाना दर से वृद्धि दर्ज की गई। कपड़ों के आयात में बढ़ौतरी के बाद से भारत में आयात सस्ता हो गया है जिसका फायदा बंगलादेश और चीन जैसे कपड़ों के प्रमुख उत्पादकों को मिल रहा है।
डायरैक्टोरेट जनरल आॅफ कमर्शियल इंटैलीजैंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डी.जी.सी.आई. एंड एस.) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 में टैक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स के आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले उक्त इजाफा हुआ है। गत माह टैक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स के कुल आयात का मूल्य 937 करोड़ रुपए रहा जबकि मार्च 2017 में कुल आयात का मूल्य 757 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत ने 10,079 करोड़ रुपए मूल्य का टैक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स आयात किया था जो 17 प्रतिशत बढ़कर 2017-18 में 11,838 करोड़ रुपए हो गया है।
कपड़ा उद्योग की हालत खस्ता
दुखद स्थिति है कि बंगलादेश, वियतनाम और चीन हमसे कॉटन खरीदते हैं और कपड़ा बनाकर हमें बेचते हैं। इससे कपड़ा उद्योग की हालत खस्ता होती जा रही है। उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद कपड़ों के आयात में तकरीबन 10-15 प्रतिशत औसतन मासिक वृद्धि हुई है। कपड़ा उद्योग सीधे तौर पर किसानों से जुड़ा हुआ है। हम जो कच्चा माल उपयोग करते हैं उसका उत्पादन किसान करते हैं। इसलिए सरकार को घरेलू उद्योग की सेहत सुधारने के लिए आयात पर रोक लगानी चाहिए।