भारतमाता के चित्र को हटाने पर विवाद, अभाविप ने किया प्रदर्शन

भारतमाता के चित्र को हटाने पर विवाद, अभाविप ने किया प्रदर्शन
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कहा, विवि को वामपंथी विचारधारा का केंद्र बनाना चाहती हैं कुलपति, मामला मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का

ग्वालियर|
कुलपति द्वारा छात्रों को धमकियां दी जाती है, लेकिन अब हम डरने वाले नहीं हैं। आपको जितनी एफआईआर करवाना है, करवा दो। एफआईआर के नाम पर विवि के शिक्षक और कर्मचारी डर सकते हैं, लेकिन छात्रों की आवाज नहीं दबाई जा सकती। यह बात संगीत विश्वविद्यालय में अखिल भातरीय विद्यार्थी परिषद् के छात्रों ने हंगामा प्रदर्शन करते हुए विवि कुलपति प्रो. लवली शर्मा से कही। राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विद्यार्थियों की प्रेरणा हेतु मुख्य द्वार पर भारतमाता चित्र से युक्त एक कॉर्नर स्थापित किया गया था। जिसे शनिवार की शाम को वहां से किसी ने हटा दिया। जिससे गुस्साए अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गौरव मिश्रा व अमन राय के नेतृत्व में कार्यकर्ता सहित छात्र वहां पहुंच गए और हंगामा प्रदर्शन शुरू कर दिया। अभाविप का आरोप था कि भारत माता के चित्र को कुलपति के निर्देश पर हटाया गया है कुलपति वामपंथी विचारधारा की हैं। वह संगीत विवि को जेएनयू की तर्ज पर वामपंथी विचारधारा का केंद्र बनाने पर तुली हुईं हैं। इसलिए उन्होंने भारतमाता के चित्र को हटवाया है। छात्रों की मांग थी कि जब तक कुलपति स्वयं भारत माता का चित्र नहीं लगवाती और उनकी आरती नहीं करती तब तक हम यहां से जाने वाले नहीं हैं।

चाहे इसके लिए हमें भूख हड़ताल पर क्यों न बैठना पड़े। जब कुलपति विवि में पहुंची और विवि में प्रवेश करने लगीं तभी अभाविप कार्यकर्ताओं ने उन्हें विवि में प्रवेश करने से रोक लिया । जब अभाविप पदाधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने छात्रों पर एफआईआर कराने की बात कही। जिस पर अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गौरव मिश्रा ने कहा कि मैडम बहुत धमकियां दे दी आप ने, अब आपको जितनी एफआईआर करवाना हैं करवा दो हम पर अब डरने वाले नहीं हैं। काफी कहासुनी के बाद कुलपति अपनी गाड़ी में बैठ गईं। करीब चार घंटे तक चले हंगामे के बाद कुलपति भारत माता की आरती उतारने पहुंची जहां भारत माता की मूर्ति स्थापित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने की बात भी कही।

कुलपति ने कहा, शिक्षकों को पढ़ाने के लिए बोलूं तो मुझे धमकाते हंै
हंगामे प्रदर्शन के बाद कुलपति ने अपना पक्ष रखने के लिए पत्रकार वार्ता बुलाई। जिसमें उन्होंने कहा कि विवि मेंं छह शिक्षक एसे हैं जो थर्ड डिवीजन और ग्रेस से पास हुए हैं, जब इनसे पढ़ाने-लिखाने की बात करती हूं तो धमकियां देते हैं कि पीएम और सीएम हमारे खासमखास हंै, अगर तुमने ज्यादा नियम-कायदे चलाये तो धारा-52 लगवा देंगे। कुलपति ने कहा कि प्रोफेसर राजनीति करने में जुटे रहते हैं, इन्होंने न सिर्फ मेरे खिलाफ धरने-प्रदर्शन कराये बल्कि राजभवन में झूठी शिकायतेंं भी की। जिसकी जानकारी उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भी दे दी है। कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने विवि के चार शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि वह विद्यार्थियों को बरगलाने के साथ हंगामे, प्रदर्शन में चोरी छिपे शामिल रहते हैं। शिक्षकों पर कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रो. शर्मा ने कहा कि ये टीचर काम करने लायक नहीं है, पर इन्हें विवि का अनुभव है इसलिए काम चला रही हूं। पत्रकारवार्ता में एक सवाल के जवाब में कुलपति ने बताया कि बीए कत्थक छटवे सेमेस्टर में फैल हुए छात्रों की कॉपियां विषय विशेषज्ञों के पास भेज दी हैं, वहां से रिपोर्ट आते ही रिजल्ट घोषित किया जाएगा। रही बात रीओपनिंग में कॉपियां दिखाने की तो हमने किसी छात्र से मना नहीं किया और न ही आरटीआई के तहत कॉपियां लेने की सेवा रोकी।

कार के सामने लेट कर रोका रास्ता
हंगामे के बीच पहुंची कुलपति का जब छात्रों के साथ विवाद हुआ तो कुलपति अपनी गाड़ी में बैठकर घर जाने लगीं। यह देख परिषद् के कार्यकर्ता व विवि के दो छात्र कुलपति की कार के सामने लेट गए। जिससे मजबूर होकर कुलपति को गाड़ी से नीचे उतरकर खड़ा होना पड़ा ।

प्रशासन से भी हुई तीखी तकरार नहीं चलेगी हिटलरशाही
हंगामे प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन व एसडीएम आर.के. पाण्डे भी मौके पर पहुंचे और छात्रों से बात की। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कुलपति के विरोध में नारे लगाए तो एसडीएम भड़क गए और अभाविप के कार्यकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको बात करने की तमीज नहीं हैं। इसी बीच पुलिस प्रशासन के साथ भी परिषद् के संगठन मंत्री श्री मिश्रा की झड़प भी हुई। छात्रों का कहना था कि प्रशासन विवि का पक्ष क्यों रखने आया है, कुलपति की हिटलरशाही नहीं चलेगी। कुलपति अपने एसी कक्ष में बैठ कर शिक्षकों तक से अभद्र व्यवहार करती हैं, लेकिन भारतमाता का चित्र हटाकर कुलपति ने ठीक नहीं किया। इसलिए प्रशासन को जो करना है करे, अब हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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