स्टोन पार्क के पास दस मोरों की मौत

स्टोन पार्क के पास दस मोरों की मौत
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जांच के लिए भारतीय पक्षी विज्ञान संस्थान बरेली भेजे जाएंगे नमूने
संभवत: कीटनाशकयुक्त सब्जियां खाने से हुई राष्ट्रीय पक्षी की मौत

ग्वालियर| गुजरे फरवरी माह में छौंड़ा वन चौकी क्षेत्र में हुई राष्ट्रीय पक्षी मोरों की सामूहिक मौत के बाद सोमवार को बीलपुरा वन चौकी क्षेत्र में भी दस मोरों की सामूहिक मौत का मामला सामने आया है। अभी मोरों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि संभवत: गर्मी और प्यास से या फिर खेतों में खड़ी कीटनाशक युक्त सब्जियां खाने से मोरों की मौत हुई है। हालांकि मृत मोरों के सभी अंग सुरक्षित मिले हैं, लेकिन फिर भी शिकार की दृष्टि से भी इस मामले की जांच की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्टोन पार्क स्थित लाल घाटी के पास एक खेत में सोमवार को सुबह स्थानीय लोगों ने मोरों के शव पड़े देखे तो 100 डायल को सूचना दी। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने इस घटना से बीलपुरा वन चौकी को अवगत कराया। सूचना मिलते ही सुबह करीब आठ बजे वन कर्मचारियों के साथ बीलपुरा वन चौकी प्रभारी हरिवल्लभ चतुर्वेदी मौके पर पहुंचे, जहां तीन नर और सात मादा मोरों के शव पड़े मिले, जिनका पुरानी छावनी पशु अस्पताल में अंत:परीक्षण कराने के बाद झांसी रोड स्थित वन डिपो परिसर में अंतिम संस्कार किया गया। शाम को उप वन मंडल अधिकारी जी.के. चंद एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी दौजीराम जाटव ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का गहन निरीक्षण किया। उप वन मंडल अधिकारी श्री चंद ने बताया कि अभी मोरों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।

मृत मोरों का बिसरा एवं मौके से लिए गए मिट्टी के नमूने जांच के लिए फोरेंसिक लैब सागर व जबलपुर भेजे जाएंगे। इधर वन मंडल अधिकारी अब्दुल अलीम अंसारी ने मोरों की सामूहिक मौत को काफी गंभीरता से लिया है। उनका कहना है कि वे मोरों की मौत का वास्तविक कारण ज्ञात करने जांच के लिए नमूने भारतीय पक्षी विज्ञान संस्थान बरेली को भी भिजवाएंगे। यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले विगत चार फरवरी को छौंड़ा वन चौकी के अंतर्गत सांतऊ एवं टोड़ा गांव के पास खेतों में करीब 36 मोरों के शव पड़े मिले थे। उक्त मृत मोरों के बिसरा की भी फोरेंसिक जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है, लेकिन वन विभाग ने उसे अभी सार्वजनिक नहीं किया है।

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