'द डायरी ऑफ मणिपुर' में चम्बल पार की मोनालिसा बनेगी हीरोइन: महाकुम्भ से लोकप्रिय हुई बंजारन मोनालिसा को बॉलीवुड से ऑफर…
अतुल मोहन सिंह: महाकुंभ 2025 में मध्य प्रदेश के इंदौर से आई माला बेचने वाली बंजारन मोनालिया अब फिल्मों में काम करेंगी। निर्देशक सनोज मिश्रा ने उसे अपनी अगली फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में अहम रोल ऑफर किया है।
जल्द ही मोनालिसा से मिलकर उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन होगा। दरअसल डायरेक्टर सनोज मिश्रा ने उनके पिता से फोन पर बात की है। फिलहाल मोनालिसा महाकुम्भनगर में नहीं हैं, इसलिए सनोज अब इंदौर स्थित मोनालिसा के गांव जाएंगे।
विजुअल मीडिया का यह नकारात्मक पहलू है...। वैसे सकारात्मक पहलू यह भी है कि सोशल मीडिया के प्रचार तंत्र से ही बंजारन मोनालिसा को फिल्मी दुनिया में जाने का अवसर मिल रहा है। महाकुम्भ से ही मोनालिसा को बॉलीवुड में एंट्री मिल रही है। मोनालिसा का अल्हड़पन और मासूमियत बड़ी पूंजी है। उसके अंदर कुछ कर गुजरने की ललक है।
उसकी बातों से लगता है कि फिल्म में आकर कुछ बड़ा करेगी। यह कहना है दर्जनभर से अधिक चर्चित फ़िल्में कर चुके और अपनी अगली फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' के लिए स्टार कास्टिंग में जुटे सनोज मिश्रा का। प्रस्तुत है सनोज मिश्रा से अतुल मोहन सिंह की बातचीत :
संवेदनशील फिल्म के लिहाज से उपयुक्त है किरदार : सनोज मिश्रा बताते हैं मोनालिसा का हाव-भाव और मासूमियत संवेदनशील फिल्म के लिहाज से उपयुक्त है। उन्होंने 19 जनवरी को मोनालिसा को अगली फिल्म में रोल ऑफर करने को लेकर ट्वीट किया था। इसके बाद मोनालिसा की पॉपुलैरिटी और बढ़ गई। मोनालिसा से फिल्मों में काम करने के सवाल पर कहा था, बचपन से सपना था कि वह फिल्मों में काम करे, अगर मौका मिले तो जरूर काम करेगी।
आर्मी जवान की बेटी का किरदार निभाएंगी मोनालिसा : सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा का जो रोल है वह उसकी आम जिंदगी से मिलता जुलता है। मोनालिसा भी सामान्य निम्न वर्गीय परिवार से हैं। बंजारन हैं। अपने रोज की जरूरत को पूरा करने के लिए परिवार घूम-घूम कर माला बेचता है। घुमंतू है।
यह रोल मणिपुर के आर्मी से रिटायर्ड जवान की बेटी का है। उसकी बेटी आर्मी में जाना चाहती है। यह सपना है। सपने को पूरा करने के लिए उसे किस तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है, क्या-क्या संघर्ष करने पड़ते हैं और कैसे वह अपने सपने को पूरा कर पाती है, यह मोनालिसा के किरदार के माध्यम से सिल्वर स्क्रीन पर दिखाया जाएगा।
एक्टिंग का बेसिक सिखाने के लिए जल्द होगी ट्रेनिंग : सनोज मिश्रा का कहना है कि मोनालिसा ने कभी एक्टिंग का 'क' नहीं सीखा है। उसे अभिनय का बेसिक सिखाने को टीम घर जाएगी। उसे स्टूडियो में बुलाएंगे। कोशिश रहेगी कि जो उसकी अदाकारी है, वह मूल स्वभाव यानी अल्हड़पन और मासूमियत के साथ रहे। उसे ट्रेंड किया जाएगा. एक्टिंग के लिए ग्रूमिंग की जाएगी। पर्सनालिटी डेवलप हो यह हमारा प्रयास रहेगा। उसको इस तरह से तैयार किया जाएगा, ताकि उसे आगे और भी फिल्मों में रोल मिल सके और एक्टिंग में करियर बना सके।
एक्टिंग में पारंगत होना पड़ेगा : सनोज मिश्रा का कहना है कि आंखों से या किसी के सुंदर होने से फिल्म के अच्छा होने पर निर्भर नहीं करता है। आपको फिल्म इंडस्ट्री में रहना है और छाप छोड़नी है तो एक्टिंग में पारंगत होना होगा। कलाकार के गुण मोनालिसा में पैदा किए जा सकते हैं, उसे सिखाया जा सकता है। उसके अंदर हमने देखा है कि कुछ कर गुजरने की ललक है। उसकी बातों से लगता है कि फिल्म में आकर कुछ बड़ा करेगी।
सब नंगापन और गंदापन ही नहीं, यह संदेश देना है : सनोज मिश्रा कहते हैं फिल्म इंडस्ट्री में सब कुछ नंगापन और गंदापन ही नहीं है। उन्होंने लीक से हटकर कॉन्टेंट दिया है, दर्शकों ने सर आंखों पर चढ़ाया भी है। इंडस्ट्री में अगर सनी लियोन जैसी पोर्न स्टार को लाकर आइकन बनाया जा सकता है तो वह बंजारा समुदाय और गरीब लड़की मोनालिसा को लाना चाहते हैं। बहुत शालीनता और सादगी से भी फिल्म इंडस्ट्री में उसे उतारा जा सकता है।
मेरी फिल्म में सलमान-शाहरुख जैसा स्टार नहीं : सनोज मिश्रा का कहना है कि नेपोटिज्म फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा से रहा है, पर इधर दर्शकों ने ऐसे लोगों की फिल्मों को नकारा है। नई कहानियां नहीं आ रही हैं। नए कलाकार नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोग उन्हीं लोगों के साथ काम करना चाहते हैं, जिनको वह अच्छे से जानते हैं, पहचानते हैं, जिनसे ट्यूनिंग है।
नई फिल्म डायरेक्टर को वह एंटरटेन ही नहीं करते हैं। मेरा शुरू से ही प्रयास रहा है कि मैं अलग रास्ता चुनूं। अच्छी फिल्में करूं। नए कलाकारों को हमने हमेशा मौका दिया है। मोनालिसा को रोल देना भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। मेरी फिल्मों ने सलमान-शाहरूख जैसे स्टार कास्ट नहीं होते हैं, मेरी फिल्म की कहानी स्टार कास्ट होती है।
प्रतिभा जरूरी नहीं कि बड़े घरानों तक सीमित रहे : सनोज मिश्रा बताते हैं कि मेरी नई फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' की कहानी स्टार कास्ट है। इसमें किरदार निभाने वाले कलाकार बड़े बनते हैं। मेरा ये मानना है कि प्रतिभा जरूरी नहीं है कि बड़े घरानों तक सीमित है। मैंने हमेशा प्रूव किया है। मोनालिसा का परिवार अगर सपोर्ट करेगा तो इसे मैं एक बार फिर साबित करूंगा कि कोई भी साधारण लड़की कुछ भी कर सकती है। यह मोनालिसा जैसी लाखों-करोड़ों लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी होगी।
लोग मोनालिसा को भूलें नहीं इसलिए कर रहा कोशिश : सनोज मिश्रा का कहना है कि जो किरदार मैंने मोनालिसा के लिए चुना है, वह उसके लिए ही बना है। इंदौर में हमारी टीम संपर्क में है। मोनालिसा जैसी लड़कियां बहुत सारी आई हैं, चाहे वह रानू मंडल हों, चाहे वह आंख मारने वाली लड़की हो, पर यह सब समय के साथ गायब हो जाती हैं।
मोनालिसा को भी लोग महाकुम्भ के बाद भूल जाएंगे। मेरा प्रयास होगा कि मोनालिसा के साथ ऐसा न हो। चाहे मैं दो साल बाद भी फिल्म लेकर आऊं तो भी उसे प्रॉपर तरीके से ट्रेंड करने के बाद ही इस इंडस्ट्री में उतारूं।
5 फरवरी से लंदन में शुरू होगी शूटिंग : सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के शूट खत्म होने के बाद ही 'द डायरी ऑफ मणिपुर' ऑन बोर्ड आ गई थी। 5 फरवरी से लंदन में इसका पहला शूट होगा, वहां 5 दिन का ही शूट है। इसके बाद 10-12 दिन का दिल्ली में शूट है। इसके बाद दो से तीन महीने का गैप होगा। इन दो से तीन महीनों में मोनालिसा को ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद उसके साथ शूट किया जाएगा।
पिता को नहीं हुआ विश्वास, बेटी को मिल रहा फिल्मों में मौका : सनोज मिश्रा बताते हैं कि मोनालिसा के पिता से बात हुई तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी को फिल्म ऑफर हुई है। बताया कि उनकी टीम के लोगों ने महाकुंभ में रह रहे मोनालिसा के पिता से बात कराई तो उन्हें भरोसा ही न हुआ। पहले तो इसे बहुत हल्के में लिया। सोचा कि कोई मजाक कर रहा है, पर जब हमारी टीम से ने समझाया तो वह गंभीर हुए। पिता का कहना है कि उनकी बेटी फिल्मों में काम करे यह उनके ही नहीं, पूरे बंजारा समुदाय के लिए गर्व की बात होगी।