महाकुंभ 2025: प्रयागराज में सेवा भाव का सूचक बना नेत्र कुंभ, अब तक लाखों लोगों ने कराया निशुल्क नेत्र जांच…

प्रयागराज में सेवा भाव का सूचक बना नेत्र कुंभ, अब तक लाखों लोगों ने कराया निशुल्क नेत्र जांच…
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अंकित शर्मा, महाकुंभनगर: प्रयागराज एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट - प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला केवल श्रद्धा और धार्मिक आस्था का ही नहीं बल्कि सेवा का भी महाकुंभ बन गया है। सामाजिक सेवा संगठन सक्षम यहां सनातन धर्म के महत्वपूर्ण पहलु सेवा कार्य के दायित्व का निर्वहण पूरी निष्ठा के साथ कर रहा है।

दृष्टि बाधित लोगों की सेवा और मदद के उद्देश्य से प्रयागराज में गंगा किनारे नागवासुकि के पास सेक्टर 5 में करीब 10 एकड़ में नेत्र कुंभ के नाम से सेवा शिविर लगाया गया है। इस नेत्र कुंभ के जरिए लाखों लोगों को निशुल्क नेत्र जांच, दवा और चश्मा वितरण का सेवा कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा आंखों के आपरेशन की निशुल्क व्यवस्था भी की गई है।

क्या है नेत्र कुंभ?

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में नेत्र कुंभ का आयोजन 5 जनवरी से ही शुरू हो चुका है और यह 26 फरवरी तक जारी रहेगा। कई सामाजिक और सेवा संगठनों के सहयोग से आरएसएस के संयोजन और सक्षम के नेतृत्व में निशुल्क नेत्र सेवा शिविर चलाया जा रहा है।

इस सेवा शिविर में महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का निशुल्क नेत्र जांच, दवा और चश्मा वितरण के अलावा निशुल्क नेत्र ऑपरेशन की भी व्यवस्था है। इसके अलावा लोगों को नेत्र दान के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। दृष्टि बाधित लोगों की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से प्रयागराज में गंगा किनारे नागवासुकि के पास सेक्टर 5 में नेत्र कुंभ आयोजित किया गया है।

इस तरह से दी जा रही है सेवाएं


महाकुंभ से नेत्र कुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को सबसे पहले शिविर में जा कर पंजीयन करवाना होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए कुल 22 काउंटर बनाए गए हैं जिसके बाद मरीज ओपीडी जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जांच के लिए जाते हैं। नेत्र कुंभ शिविर के स्क्रीनिंग काउंटर 1 और 2 पर आंखों के रौशनी की जांच की जाती है। काउंटर नंबर 3 से लेकर काउंटर 10 में यह जांच किया जाता है कि किसी मरीज को कितने नंबर का और दूर या पास किस तरह के चश्मे की आवश्यकता है। मरीजों को मुफ्त में चश्मे और दवाइयां वितरित की जाती है।

इसके अलावा मरीजों को मुफ्त नेत्र आपरेशन सेवा प्रदान करने की भी व्यवस्था की गई है। मरीज अपने घर के निकटवर्ती अस्पताल में आंखों का आपरेशन करवा सकते हैं जिसके लिए उन्हें रेफरल प्रदान किया जाता है। देश भर के लगभग 216 अस्पताल नेत्र कुंभ से जुड़े हुए हैं और रेफरल के तहत मरीज इन अस्पतालों में निशुल्क आपरेशन करवा सकते हैं।

नेत्र कुंभ का लक्ष्य

दृष्टि बाधित लोगों की मदद के उद्देश्य से सक्षम सेवा संस्थान के नेतृत्व में आयोजित नेत्र कुंभ का लक्ष्य बड़े स्तर पर निशुल्क नेत्र जांच और अन्य सेवाएं प्रदान करना है। नेत्र कुंभ के महाप्रबंधक सत्यविजय सिंह के मुताबिक, नेत्र कुंभ का लक्ष्य करीब तीन लाख से अधिक लोगों को निशुल्क दवा और चश्मा वितरित करना है। साथ ही 5 लाख से ज्यादा लोगों के आंखों की जांच और 50 हजार ओपीडी का लक्ष्य रखा गया है। महाप्रबंधक सत्यविजय सिंह ने बताया कि अब तक करीब 1 लाख 20 हजार लोगों का नेत्र परीक्षण और 80 हजार लोगों को निशुल्क चश्मा वितरित किया जा चुका है। निशुल्क नेत्र सेवा के लक्ष्य से पीछे रहने की स्थिति में नेत्र कुंभ को 26 फरवरी के बाद भी 5-6 दिनों तक आगे बढ़ाया जा सकता है।

जीते-जीते रक्त दान, जाते-जाते नेत्र दान

निशुल्क नेत्र जांच, चश्मा और दवा वितरण के अलावा नेत्र कुंभ के जरिए लोगों को नेत्र दान के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। 'जीते-जीते रक्त दान, जाते-जाते नेत्र दान' के मंत्र के साथ लोगों को नेत्र दान का महत्व समझाने की कोशिश की जा रही है। नेत्र दान के संबंध में जनमानस में व्याप्त कई मिथकों के कारण शुरूआती दौड़ में यह कार्य थोड़ा मुश्किल था, लेकिन धीरे-धीरे ज्यादा लोग सामने आ रहे हैं। नेत्र कुंभ में पहुंच रहे लोग अपनी आंखें दान करने की इच्छा जता रहे हैं।

देशभर के संगठन, डॉक्टर और वालंटियर का सहयोग

देश भर के करीब 22 से 23 सामाजिक और सेवा संगठनों के सहयोग से आरएसएस के अनुषांगिक संगठन 'सक्षम' के नेतृत्व में महाकुंभ में नेत्र कुंभ आयोजित किया गया है। रज्जू भैया सेवा न्यास, भाऊराव देवरस सेवा न्यास, द हंस फाउंडेशन, स्वामी विवेकानंद, हेल्थ मिशन सोसाइटी, नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन एवं राष्ट्रीय सेवा भारती और श्री रणछोरदास चैरिटेबल अस्पताल (राजकोट, गुजरात) के संगठित सहयोग से प्रयागराज में सेवा का महाशिविर नेत्र कुंभ आयोजित हुआ है।

नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन ने सेवा कार्य के लिए देश भर के डॉक्टरों को नेत्र कुंभ से जोड़ना का काम किया है। सेना अस्पताल, एम्स और शंकर नेत्रालय जैसे देश भर के विभिन्न अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर नेत्र कुंभ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

नेत्र कुंभ में देश भर से लोग वालंटिर के तौर पर सेवा कार्य करने के लिए आगे आए हैं। कोई 5 दिन तो कोई 7 या 15 दिन तो वहीं कोई एक से दो माह तक सेवा कार्य वालंटियर कर रहा है। नेत्र कुंभ में कार्यरत सभी डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और वालंटियर के आवास और भोजन की निशुल्क व्यवस्था की गई है।

कैसे हुई नेत्र कुंभ की शुरूआत?

सबसे पहले 2019 में अर्द्ध कुंभ में दृष्टि बाधित लोगों के सेवा के उद्देश्य से एक छोटे से प्रयास के तौर पर नेत्र कुंभ की शुरूआत की गई थी। इस दौरान करीब 2.5 लाख से ज्यादा लोगों का नेत्र परीक्षण किया गया और 1.25 लाख लोगों को निशुल्क चश्मा बांटा गया।

इसके बाद जहां-जहां कुंभ लगा वहां यह काम किया गया। हरिद्वार में कोविड के कारण नेत्र कुंभ के तहत लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं हो पाया। लेकिन इस बार उत्साह बढ़ा और 2025 में 5 लाख से अधिक लोगों का नेत्र परीक्षण, 3 लाख से ज्यादा निशुल्क चश्मा वितरण और 50 हजार लोगों को ओपीडी सेवा मुहैया कराने के लक्ष्य से महाकुंभ में नेत्र कुंभ आयोजित किया गया।

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