1 करोड़ से अधिक बच्चों ने एक साथ देशभक्ति गीत गाकर बनाया वर्ल्ड रिकार्ड, सीएम ने दी बधाई

1 करोड़ से अधिक बच्चों ने एक साथ देशभक्ति गीत गाकर बनाया वर्ल्ड रिकार्ड, सीएम ने दी बधाई
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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में शुक्रवार को प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों के एक करोड़ विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। आजादी का अमृत महोत्सव के अर्न्तगत चल रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में शिक्षा विभाग तथा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भाग लेकर देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन किया।

आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत राज्य, जिला ब्लॉक व विद्यालय स्तर पर शिक्षा विभाग व कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से एक करोड़ बच्चों ने एक साथ देशभक्ति गीतों का गायन किया। बच्चों ने झंडा ऊंचा रहे हमारा, सारे जहां से अच्छा, आओ बच्चों तुम्हे दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, हम होंगे कामयाब जैसे देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों के साथ राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम' व राष्ट्रगान 'जन गण मन' का भी गायन किया। एसएमएस स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के उपाध्यक्ष प्रथम भल्ला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विश्व रिकॉर्ड का प्राविजनल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जिसे मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों व समस्त प्रदेशवासियों को समर्पित किया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग को बधाई देते हुए कहा कि एक करोड़ से अधिक बच्चों द्वारा देशभक्ति गीतों के सामूहिक गायन से प्रदेश में एक नया वातावरण तैयार होगा। इन तरानों में संविधान की रक्षा, आपसी भाईचारे व देश की आजादी में दिए गए बलिदानों सहित तमान भावनाएं समाहित है। आज भारत में तीन चौथाई आबादी नौजवानों की है। नई पीढ़ी को इन गीतों के माध्यम से इन भावनाओं को आत्मसात करने का मौका मिलेगा।

गहलोत ने कहा कि सबसे पहले पं. जवाहर लाल नेहरू ने 31 दिसंबर, 1929 में देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। हमारा कर्तव्य है कि आजादी की 75वीं वर्षगाठ पर घर पर तिरंगा फहराकर अपने राष्ट्रभक्ति के संकल्प को मजबूत करें। हम सब अपने घरों पर तिरंगा फहराकर दुनिया को एक संदेश दें कि हिंदुस्तान में राष्ट्रभक्ति का एक अनूठा जज्बा है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि गत 75 वर्षों में देश ने अभूतपूर्व तरक्की की है। जहां आजादी के समय देश में सुई का भी उत्पादन नहीं हो रहा था वहां आज विश्वभर में भारतीय उत्पादों का निर्यात हो रहा है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थानों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है। पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से लेकर विज्ञान और तकनीकी शिक्षा में देश ने शानदार तरक्की की है। पड़ोसी देशों के विपरीत गत 75 वर्षों में देश में लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी हुई है। आजादी के 75वें वर्ष में राजस्थान शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शांति व भाईचारे के माहौल में ही प्रदेश का समुचित विकास संभव है। नेहरू, गांधी, पटेल व मौलाना आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में देश ने अंग्रेजों से लड़कर स्वतंत्रता हासिल की है। एकजुटता, शान्ति, पारदर्शिता व विकासशीलता से ही देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को आपसी प्रेम तथा भाईचारे को मजबूत करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शांति व भाईचारे के अभाव में विकास ठप हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में सभी जाति, धर्म व अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग एकजुट रहें तथा देश के तिरंगे झंडे को मान-सम्मान के साथ फहराएं।

सामूहिक गायन कार्यक्रम उपरांत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसएमएस स्टेडियम में उपस्थित बच्चों के बीच जाकर उनसे मिले तथा उनकी हौसला अफजाई की। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राष्ट्र आमजन की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है। स्वतंत्रता सेनानियों के कड़े संघर्ष से देश को अंग्रेजों, राजशाही व जागीरदारों से आजादी मिली। देश के प्रथम प्रधानमंत्री व स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल नेहरू की उनके समेत तीन पीढ़ियां स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी तथा आनंद भवन व स्वराज्य भवन जैसी इमारतें देश को समर्पित कर दी।

शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने कहा कि तिरंगा देश की आन, बान व शान है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति गीत के इस सामूहिक गायन से नई पीढ़ी को आजादी के संघर्षों से रूबरू करवाया गया है।इस अवसर पर राजस्थान राज्य क्रीडा परिषद की अध्यक्षा कृष्णा पूनिया, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।

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