भाजपा ने राजस्थान में नियुक्त किए तीन पर्यवेक्षक, रविवार तक प्रदेश को मिल सकता है नया मुख्यमंत्री
भाजपा ने राजस्थान में नियुक्त किए पर्यवेक्षक
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान की अटकलों के बीच दिल्ली में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। भाजपा ने राजस्थान में विधायक दल की बैठक लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावडे को राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। ये पर्यवेक्षक भाजपा विधायक दल की बैठक में मौजूद रहेंगे और विधायक दल के नेता के लिए आम रायशुमारी बनाएंगे। माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक हो सकती है। वहीं, 15 दिसंबर तक राजस्थान के नए मुख्यमंत्री की शपथ भी हो सकती है, क्योंकि 16 दिसंबर से मलमास शुरू हो रहे हैं।
वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से की मुलाकात -
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके आवास पर गुरुवार रात करीब 8 बजे पहुंचीं थी। इस दौरान सवा घंटे तक दोनों के बीच चर्चा चली। इस दौरान उनके बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह भी मौजूद थे। इधर, गुरुवार को दिनभर बाड़ेबंदी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।
पहली बार असमंजस की स्थिति -
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बना हुआ है।इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ था। यहां वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, दिया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का नाम सीएम की रेस में शामिल है। अब देखना ये है की राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनता है।